पंजाबी सिनेमा के प्रोडूसरों को कुछ
डिस्ट्रीब्यूटरों, एक्टर और डायरेक्टरों के शोषण से बचाएगी नई संस्था
चरनजीत सिंह वालिआ को सर्ब सहमति के साथ चुना संस्था का प्रधान, हरजिंदर सिंह गरचा को चेयरमैन
एन टी 24 न्यूज़चरनजीत सिंह वालिआ को सर्ब सहमति के साथ चुना संस्था का प्रधान, हरजिंदर सिंह गरचा को चेयरमैन
विनय कुमार
चंडीगढ़
पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री अभी प्रयोगों के दौर में है
फिर भी पंजाब,
पंजाबी और पंजाबियत का होका देने वाले पंजाबी फिल्मों के प्रोडूसर
हर कोशिश कर रहे हैं पंजाबी फिल्मों को उत्शाहित करने के लिए पंजाबी फिल्म प्रोडूसर
भी नए तजर्बे कर रहे हैं और हर तरह का आर्थिक प्रबंद करते हुए बहुत बड़ा जोखम ले रहे
हैं। इसके बावजूद कुछ अदाकारों, डिस्ट्रीब्यूटरों और डायरेक्टरों
से उनके साथ धोखेबाज़ी करने की वजह से प्रोडूसरों का काफी नुकसान हो रहा है। इस सब से
बचने के लिए और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पंजाबी फिल्म प्रोडूसरों की एक मीटिंग
में पंजाबी फिल्मों के बहुत सारे सरगर्म प्रोडूसरों ने सांझे तौर से प्रोडूसर्स की
एसोसिएशन बनाने का फैसला लिया। मीटिंग में हर प्रोडूसर को अपने विचार रखने का मौका
दिया गया। मीटिंग में हाज़िर प्रोडूसरों
ने कहा कि आज कल हर हफ्ते एक और एक से ज्यादा पंजाबी फिल्में रिलीज़ हो रहीं है और बहुत
साड़ी फिल्में निर्माण अधीन हैं। इस कारण नए निर्माताओं को बहुत सारी मुश्किलें उठानी
पड़ती हैं। उन्होनें कहा कि नए निर्मयों को कुछ लालची कलाकारों और डायरेक्टरों के तरफ
से झूठे सपने दिखा कर फांसा जाता है और महंगी फिल्में बनाने के बाद में बड़े नुकसान
के रूप में शोषण किया जाता है। कुछ डिस्ट्रीब्यूटर भी इस तरह का झांसा देकर पंजाबी
सिनमे का नुकसान कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि हर नया निर्माता अपनी फिल्म हौंसले और
दिल के साथ बनाता है पर बाद में सब कुछ खत्म हो जाने के बाद पंजाबी सिनेमा से किनारा
कर जाता है। मेंबरों ने कहा कि यह संस्था बहुत ही पारदर्शी ढंग
के साथ सम्पूर्ण प्रोडूसर भाईचारे को दिशा देगी और उनके अधिकारों की आवाज़ बुलंद करेगी। मीटिंग में बहुत सारे एजेंडा पर चर्चा हुयी जिसमें प्रोडूसरों के
साथ हो रहे कई प्रकार के शोषण के बारे में विचार किया गया। मैंबरों ने कहा कि कुछ डिस्ट्रीब्यूटर,
अदाकार, प्रोडक्शन डायरेक्टर और कई तरह के
लोगों की तरफ से प्रोडूसर का शोषण होता रहता है। उन्होनें कहा कि इस से बचने के लिए
इस संस्था को शुरू करना समय की मांग थी कि आने वाले नए प्रोडूसर और पुराने प्रोडूसर
जो फिल्में शुरू करते हैं, उनका कोई नुक्सान ना हो सके। उन्होनें कहा कि फिल्मों में काम करने वाले
कलाकारों के साथ होने वाले एग्रीमेंट से लेकर सिनेमा तक आने वाली मुश्किलों के लिए
संस्था हर संभव सहायता देगी और डिजिटल फीस और एंटरटेनमेंट टैक्स के बारे में भी सरकार
के साथ बातचीत करेगी। इस मौके पर उन्होनें कहा कि
बहुत सारे प्रोडूसरों के साथ हुई बेईमानी की शिकायतें भी दर्ज़ करवाई गई जिनकी जाँच
करने के बाद दोषी के खिलाफ एक मुहीम भी शुरू की जाएगी। इस मौके किये गए
चयन में सर्व सहमति से चरनजीत सिंह वालिआ को प्रधान नियुक्त किया गया। और चेयरमैन हरजिंदर
सिंह गरचा, मीत प्रधान हरप्रीत सिंह देवगन और सकत्तर के रूप में युवराज सिंह बल को
चुना गया। विमल चोपड़ा को सहायक सकत्तर और करन धालीवाल को वित् सकत्तर की जिम्मेदारी
दी गई। कोर कमेटी मेंबर में मनी धालीवाल, दीपक गुप्ता,
जतिंदर शर्मा, अचिंत गोयल, सरबजीत सिंह कलसी, अमनीत शेर सिंह(काकू), मोहित बनवैत, रंजीव
सिंगला को शामिल किया गया है। इस मौके चरनजीत सिंह वालिआ ने कहा कि वो इस जिम्मेदारी को पूरी शिद्दत
के साथ निभाएंगे। उन्होनें कहा कि वो खुद भी पहली फिल्म बनाने वक़्त इस शोषण का शिकार
हो चुके हैं और इस बात को यकीनी बनाया जाएगा कि प्रोडूसरों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ न हो और उनका किसी भी प्रकार का कोई भी शोषण
ना हो सके। इस मौके पर संस्था के मेंबर
बलजीत सिंह जोहल,
रुपिंदर मिन्हास, मनदीप सिंह, बॉबी सचदेवा, एस एस वालिआ , परविंदर चहल, तेगबीर सिंह वालिआ प्रदीप सिंह संधू,
लिवतार सिंह, तरसेम कोहली, मायिक वर्मा, विपन कम्बोज, मनप्रीत सिंह, विनय जिंदल, गुरप्रीत सिंह के अलावा कानूनी सेवाओं के लिए एडवोकेट हाकम सिंह और एडवोकेट योगेश अरोड़ा भी शामिल थे।
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