एमसीएम में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी के जीवन दर्शन पर आयोजित
चर्चा
एन
टी 24 न्यूज़
विनय
कुमार शर्मा
चंडीगढ़
मेहरचंद महाजन डीएवी कॉलेज के पंजाबी
विभाग ने सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरुनानक देव जी के जीवन दर्शन पर एक परिचर्चा
आयोजित की। न्यूयार्क के ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिख स्टडीज़ के डॉ गुरिंदर सिंह मान
ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य में गुरु नानक देव जी के दर्शन का सार तत्व, उन्ही के कृतित्व से कई उद्धरणों को प्रस्तुत कर बिम्बों, प्रतीकों और कल्पना के दृश्यात्मक वर्णनों से इतने रोचक और बोधगम्य ढंग से
प्रस्तुत किया कि श्रोता भाव विभोर हो गए। गुरु नानक को समझने के लिए उन्हें एक
बार फिर से पढ़ना आवश्यक है। डॉ मान ने गुरु नानक का मंतव्य स्पष्ट करते हुए बताया
कि किस प्रकार बिना किसी लाग लपेट, बिना किसी की भर्त्स्ना किये,
बिना किसी खंडन मंडन के उन्होंने केवल नाम स्मरण का सन्देश बहुत ही
कोमल शब्दावली में सीधे सीधे दिया और जीवन में सत्य निष्ठां आचरण और विनम्रता पर
बल दिया। उनके बताये निर्देशों की आज भी प्रासंगिकता है। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ
निशा भार्गव ने पंजाबी विभाग के इस प्रयास की सरहना करते हुए कहा कि गुरु नानक देव
के द्वारा प्रकृति को ईश्वर को जानने का सर्प्रथम स्त्रोत मानने वाला दर्शन
निस्संदेह आज के पर्यावरण के बदलते परिदृश्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
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