जीजीडीएसडी कॉलेज में सात दिवसीय एनएसएस कैंप हुआ संपन्न
समापन समारोह में स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक
प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की विविध संस्कृति को किया पेश
चंडीगढ़
चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित
गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज में "टिकाऊ जीवन - पृथ्वी का पोषण करें,
स्वयं का पोषण करें, सभी का सम्मान करें"
विषय पर आयोजित सात दिवसीय एनएसएस कैंप रविवार को संपन्न हो गया। कैंप के समापन
दिवस पर स्वयंसेवकों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की
विविध संस्कृति को पेश किया। यह कैंप छात्रों, विशेषज्ञों और
समुदाय के सदस्यों को सामाजिक जिम्मेदारी और टिकाऊ जीवन के विविध पहलुओं पर विचार
करने के लिए एक साथ लाया। पूरे सप्ताह, कैंप के प्रतिभागियों
ने सामुदायिक विकास, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, प्राकृतिक चिकित्सा प्रथाओं, सभी के लिए समानता और
सम्मान को बढ़ावा देने, पर्यावरण स्थिरता, अंग दान और महत्वपूर्ण रूप से यातायात जागरूकता को बढ़ावा देने में एनएसएस
के दायरे को संबोधित करने वाले व्यावहारिक सत्रों में भाग लिया। यूटी प्रशासन के
एनएसएस के स्टेट लॉयजन आफिसर डॉ. नेमी चंद ने कैंप के सफल आयोजन के लिए कॉलेज की
एनएसएस यूनिट के प्रयासों की सराहना की और छात्रों को समाज में अखंडता, स्थिरता और स्वस्थ जीवन का संदेश फैलाने के लिए प्रेरित किया। वहीं,
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि इस एनएसएस कैंप की
सफलता टिकाऊ जीवन और सामुदायिक कल्याण की दिशा में सामूहिक प्रयास में निहित है।
विविध बातचीत और गतिविधियों ने न केवल प्रतिभागियों को समृद्ध किया है बल्कि गोद
लिए गए गांव पर सकारात्मक प्रभाव भी डाला है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सेवा
और जिम्मेदारी की इस भावना को आगे बढ़ाना है। इस कैंप का मुख्य आकर्षण गोद लिए गए
गांव बुड़ैल में आयोजित मल्टी-स्पेशिएलिटी मेडिकल कैंप था, जहां
स्थानीय समुदाय को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। वहीं, कैंप
में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने रोपड़ में पुरातात्विक
टीले को देखा जिसमें लगभग 2500 ईसा
पूर्व की हड़प्पा संस्कृति के अवशेष भी शामिल थे। प्रीहिस्टोरियन एवं
आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. विप्नेश भारद्वाज मार्गदर्शक के रूप में कैंप में शामिल हुए।
इस भ्रमण का उद्देश्य भारत की समृद्ध विरासत के प्रति गहरी सराहना पैदा करना,
टिकाऊ जीवन और सांस्कृतिक विविधता के सम्मान के व्यापक विषय के साथ
तालमेल बिठाना था। प्रतिभागियों ने कैंप में पूरे सप्ताह सराहनीय समर्पण और उत्साह
का प्रदर्शन किया और कैंप की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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