मेयर चुनाव को लेकर प्रशासन का रवैय्या समझ के बाहर-पवन बंसल
विनय कुमार
चंडीगढ़
चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में देरी को लेकर पवन बंसल ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि- प्रशासन चाहता तो एक प्रीसाइडिंग अफसर लगा कर बिना किसी देरी के चुनाव करवा सकता था। लेकिन क्योंकि भाजपा के पास जीत का आंकड़ा नहीं है, इसलिए लगातार इसे लटकाया जा रहा है। संविधान की अवहेलना करके शहर के संविधानिक अधिकार को छीना जा रहा है और पैसे की बर्बादी की जा रही है। अब तो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मेयर चुनाव के लिए प्रशासन की तरफ से दी गई 6 फरवरी की तारीख अदालत को मन्ज़ूर नहीं है, अदालन ने प्रशासन को बुधवार तक चुनाव से जुड़े पूरे प्रोग्राम को पेश करने के हुक्म दिये हैं, नहीं तो हाईकोर्ट इस मामले में हुक्म जारी करेगा। पवन बंसल ने कहा है कि अब तो कम से कम प्रशासन को भाजपा की कठपुतली ना बनते हुए लोकतंत्र को बचाने की कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि चंडीगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि मेयर चुनाव की वजह से चंडीगढ़ जग-हँसाई का मुद्दा बन रहा है।
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