“को-ऑपरेटिव सोसायटीज़ का प्रबंधन चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के बजाय को-ऑपरेटिव विभाग द्वारा करवाए जाने की भी रखी मांग”
विनय कुमार
चंडीगढ़
चंडीगढ़ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी व सोसाइटी के निवासियों ने शहर के पूर्व
सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल को गुहार लगाई कि इन सोसाइटियों
की देखरेख अब हाउसिंग बोर्ड के बजाय कोऑपरेटिव बैंक की तर्ज पर कोऑपरेटिव विभाग
द्वारा होनी चाहिए। इसके अलावा सोसाइटीज़ की मेंटेनेंस प्रशासन या नगर निगम द्वारा
किए जानें और पिछले 10 वर्षों से रुके हुए लीज़ से फ्री होल्ड
कन्वर्जन की प्रक्रिया को तरजीह के आधार पर करवाने की मांग पवन कुमार बंसल के आगे
रखी गई। आर डब्ल्यू ए के पदाधिकारियों ने कहा कि भाजपा ने साल 2019 में इस मांग को पूरा करने का वादा अपने संकल्प पत्र में भी किया था,
लेकिन बाद में इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। आरसीएस एन्कलेव
सेक्टर 49 के पार्क में निवासियों
ने जहाँ एक तरफ मोहाली और पंचकूला की तुलना में चंडीगढ़ में स्टैंप ड्यूटी बहुत
ज़्यादा होने की शिकायत की वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पवन कुमार बंसल के कार्यकाल
में मकान ट्राँसफर करवाने के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। पूर्व सांसद पवन कुमार
बंसल ने सोसाइटी वालों की बात सुनकर सोसाइटियों के कॉन्सेप्ट में बदलाव की मांग पर
प्रशासन तक पहुंच करने की बात कही, उनका कहना था कि हाउसिंग
बोर्ड सिर्फ लैंड चिन्हित करने तक सीमित रहना चाहिए था अब इन फ्लैट्स को नीड बेस्ड
चेंज या कन्वर्जन चार्जेस या लीज से फ्री होल्ड चार्ज और मेंटेनेंस यह सब प्रशासन
या निगम के हाथों व कोऑपरेटिव विभाग के द्वारा होना चाहिए । पवन बंसल ने बताया कि
शिवराज पाटिल के समय पर मरला हाउसों की तर्ज पर समिति के फ्लैट्स को भी दोबारा
मंजूरी दिए जाने की बात काफी हद तक मानी जा चुकी थी लेकिन पिछले 10 वर्षों से भाजपा ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जिससे सोसाइटी वाले कई तरह
की परेशानियों से जूझने को मजबूर हो रहे हैं।
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