वाल्मीकि धर्म के प्रचार के लिए भावाधस ने समदर्श को किया सम्मानित
विनय कुमार
चंडीगढ़
भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज(भावाधस) ने
चंडीगढ़ के युवा समदर्श जोसफ को वाल्मीकि धर्म के प्रचार के लिए किए सराहनीय
कार्यों के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन अमृतसर स्थित वाल्मीकि तीर्थ
में हुआ जहां समाज के कई बड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। भावाधस के साथ-साथ आदि धर्म
अनार्य समाज ने भी समदर्श को सम्मानित किया। रामदरबार के रहने वाले समदर्श ने कहा
कि वे पिछले काफी समय से वाल्मीकि धर्म के प्रचार के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने
चंडीगढ़ पुलिस में रिश्वत के खेल को उजागर किया जिस वजह से उन्हें नशे के झूठे केस
में फंसा दिया गया। लेकिन उन्होंने सिस्टम के खिलाफ लड़ाई जारी रखी और कोर्ट से बरी
हुए। समदर्शन ने कहा- '' मैंने धर्म प्रचार का काम जेल में भी जारी
रखा और अब बाहर आकर भी करूंगा।'' जेल में उन्होंने भगवान
वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापित की और अब वे वाल्मीकि रामायण के प्रचार के लिए युवाओं
को साथ लेकर एक अभियान शुरू करने जा रहे हैं। जिसमें नशा मुक्त समाज का भी संदेश
दिया जाएगा और युवाओं को अपने धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित किया
जाएगा।
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