वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रों ने प्रदर्शित की अपनी कलात्मक प्रतिभा
चंडीगढ़, विनय कुमार : ट्राइसिटी के नौ प्रमुख स्कूलों के छात्रों द्वारा बनाई गई 64 पेंटिंग्स को सेक्टर 17 अंडरपास में लगाए गए एक विशेष फंडरेजिंग प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने किया। इसी अवसर पर एनजीओ 'कब्स क्लब' द्वारा नवजीवन हेल्थ सर्विस के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय पहल ‘उड़ान 2.0’ के पहले अध्याय की शुरुआत की गई। उल्लेखनीय है कि 'कब्स क्लब' ट्राइसिटी के वंचित बच्चों के सहयोग और सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संस्था है। यह भी महत्वपूर्ण है कि यह प्रदर्शनी उन स्कूलों की शिक्षण संरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से एक फंडरेजर के रूप में आयोजित की गई जो आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समुदायों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। हरप्रीत कौर बबला ने कहा, “हमारे ट्राइसिटी के युवा कलाकारों ने साबित किया है कि जब बच्चे अपनी प्रतिभा को किसी नेक उद्देश्य के लिए उपयोग करते हैं, तो वे परिवर्तन के सशक्त दूत बन जाते हैं। मैं 'कब्स क्लब' और नवजीवन हेल्थ सर्विस की सराहना करती हूँ जिन्होंने वंचित स्कूलों के समर्थन के लिए यह महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।” 'कब्स क्लब' की संस्थापक मीनू पराशर, जो लगातार वंचित बच्चों के उत्थान के लिए कार्यरत हैं, ने कहा, “‘उड़ान 2.0’ से प्राप्त धनराशि सीधे कब्स क्लब द्वारा 'अडॉप्ट ' गए स्कूलों—ब्राइट स्पार्क्स स्कूल, ग्रीनवुड स्कूल (खरड़), एटीएस डे-केयर (मोहाली), गवर्नमेंट स्कूल तोगां और कंडाला—का सहयोग करेगी। हम इन जरूरतमंद स्कूलों को आवश्यक शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराएंगे ताकि उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके।” भाजपा चंडीगढ़ की इंटेलेक्चुअल सेल की स्टेट कन्वीनर डॉ. मोनिका बी. सूद, जिनकी संस्था नवजीवन हेल्थ सर्विस 'कब्स क्लब' के प्रयासों को समर्थन दे रही है, ने कहा, “निजी स्कूल अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराकर भी वंचित संस्थानों की बहुत सहायता कर रहे हैं। इस पहल के माध्यम से हम समुदाय-आधारित दीर्घकालिक सहयोग की संस्कृति विकसित करना चाहते हैं।” प्रदर्शनी में ट्राइसिटी और आसपास के नौ प्रतिष्ठित स्कूलों के उत्साही युवा कलाकारों ने भाग लिया। गुरु नानक पब्लिक स्कूल (चंडीगढ़), सेंट सोल्जर्स स्कूल (पंचकूला), स्टेपिंग स्टोन्स स्कूल (चंडीगढ़), चितकारा इंटरनेशनल स्कूल (चंडीगढ़), अंकुर स्कूल (चंडीगढ़), एमिटी इंटरनेशनल स्कूल (मोहाली), एटीएस वैली स्कूल (डेराबस्सी), पाइनग्रोव स्कूल (धरमपुर) और पाइनग्रोव स्कूल (सबाथू) के छात्र कलाकारों ने अपनी मनमोहक पेंटिंग्स प्रदर्शित कीं। इन पेंटिंग्स का आकलन रविंदर शर्मा, वाईस चेयरमैन , चंडीगढ़ ललित कला अकादमी और आर्टिस्ट के.आर कोहली द्वारा किया गया। पेंटिंग प्रदर्शनी के विजेताओं को 13 दिसंबर को सेक्टर 10 स्थित सरकारी कला संग्रहालय सभागार में सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह ‘उड़ान 2.0’ के अंतिम अध्याय का प्रतीक होगा, जिसमें अडॉप्टेड स्कूलों के बच्चे कहानी-वाचन और समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे। यह रचनात्मकता, आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उत्सव होगा। मीनू ने कहा, “हम इन बच्चों को एक ऐसा मंच देना चाहते हैं, जहाँ वे चमक सकें और मुख्यधारा के संस्थानों के छात्रों के साथ जुड़ सकें। विविध पृष्ठभूमियों के बच्चों को एक साथ लाकर हमारी पहल सामाजिक संवेदनशीलता और शैक्षिक असमानताओं की गहरी समझ को बढ़ावा देती है।” डॉ. मोनिका ने कहा, “इस पहल के माध्यम से निजी स्कूलों के छात्र न केवल चुनौतियों को समझेंगे, बल्कि अपने वंचित साथियों की प्रतिभा और दृढ़ता को भी पहचान पाएंगे।” एक फंडरेजर से आगे बढ़कर, इस प्रदर्शनी ने यह संदेश भी दिया कि संसाधनों से समृद्ध स्कूल भी कम-संपन्न बच्चों की शिक्षा के उत्थान के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं। कला के इन कार्यों ने “हैव्स” और “हैव-नॉट्स” के बीच पुल का प्रतीकात्मक रूप धारण किया, इस विचार को पुष्ट करते हुए कि प्रत्येक बच्चे का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर समान अधिकार है, चाहे उसका आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। मीनू पराशर ने बताया कि समृद्ध स्कूलों का सहयोग एनजीओ को जागरूकता फैलाने, समुदाय को जोड़ने और भविष्य में और अधिक स्कूलों को अपनाने के प्रयासों में मदद कर रहा है।

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