Sunday, 19 August 2018

पार्टी कार्यालय कमलम में शोक सभा का आयोजन


पार्टी कार्यालय कमलम में शोक सभा का आयोजन

एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
   देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के स्तम्भ स्व अटल बिहारी वाजपेयी और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल स्व बलराम जी दास टंडन के आकस्मिक निधन पर भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ द्वारा 20 अगस्त 2018 (सोमवार ) को शाम 4 बज कर 30 मिनट पर पार्टी कार्यालय कमलम्, सेक्टर 33 में शोक सभा का आयोजन होगा | यह जानकारी पार्टी के मीडिया विभाग के संयोजक रविंदर पठानिया ने प्रदान की | उन्होंने बताया कि इस शोक सभा में प्रदेश पदाधिकारी,जिला, मोर्चा ,विभाग व प्रकल्प, पार्षद, मंडल और प्रकोष्ठों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भाग लेंगे और दोनों दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करेंगे | उन्होंने कहा कि ये हम सभी कार्यकर्तायों के लिए दुःख की घडी है कि हमारी पार्टी के एकसाथ दो स्तम्भ चले गए | उनकी भरपाई कोई भी नहीं कर सकता | जिस प्रकार से इन दोनों महान पुरुषों ने अपने तप से पार्टी को आज जिस स्थान पर पहुँचाया है उसके लिए आने वाले समय तक हम और हमारी भावी पीढ़ी हमारे इन महान नेताओं को भुला नहीं पाएंगी |

Saturday, 18 August 2018

उड़ीसा के राज्यपाल ने व्यक्त की अपनी संवेदना......


संवेदना व्यक्त करने टंडन निवास पहुंचे उड़ीसा के राज्यपाल 

एन टी 24 न्यूज़ 
चंडीगढ़
उड़ीसा के राज्यपाल महामहिम प्रो. गणेशी लाल आज भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन के निवास स्थान पर पहुंचे और स्व बलराम जी दास टंडन के आकस्मिक निधन पर उनको व् उनके परिवार वालों के साथ संवेदना व्यक्त की l प्रो. गणेशी लाल ने इस दौरान स्व बलराम जी दास टंडन के साथ बिताये हुए सभी क्षणों को याद करके उनको नम आँखों से याद किया द्य उन्होंने कहा कि स्व. टंडन के साथ उनका घनिष्ठ प्यार था द्य वे एक साहसीए साफ़ व स्वच्छ राजनीति का उदाहरण थे द्य त्याग की मूर्त भी अगर उनको कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी द्य  इस मौके पर उन्होंने संजय टंडन और परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति की बात की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान् से प्रार्थना भी की l

विश्व हिन्दू परिषद - जरंग दल चंडीगढ़ ने किया संगठन विस्तार


विश्व हिन्दू परिषद - जरंग दल चंडीगढ़ ने किया संगठन विस्तार

एन टी 24 न्यूज़

चंडीगढ़
आज विश्व हिन्दू परिषदबजरंग दल चंडीगढ़ की कर्नल धर्मवीर की अध्यक्षता में शिव मानस मंदिर , इंडस्ट्रियल एरिया में  बैठक हुई जिसमे संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की गईतथा भविष्य के कार्यो की रूप रेखा तैयार की गई । संगठन को चंडीगढ़ में मजबूतकरने के क्रम में नए पदाधिकारियों की घोषण की गई  जिनमे अनुज कुमार सहगल को विहिप महानगर कोषाअध्यक्षदिनेश शर्मा को गौरक्षा उपाध्यक्षजनक कोगौ रक्षा सहमन्त्री तथा बजरंग दल में नरेंद्र बंसल को महानगर सह संयोजकअश्विनी द्विवेदी चालीसा प्रमुख तथा मनोज शर्मा को प्रखण्ड अध्यक्ष का दायित्व दिया गया बैठक में मुख्य रूप से , महानगर मंत्री सुरेश राणा , सुशील पाण्डेयराकेश चौधरीदविंदर सिद्धूपंकज गुप्तासुभाष गोयलजितेंद्रअरविंद शुक्लाराजिन्दर गुप्ताजय शंकर जोशीताजिंदर सिंह नामधारी आदि  उपस्थित थे ।

PU Chd NCC Boys Wing organize a cleanliness drive


PU Chd NCC Boys Wing organize a cleanliness drive


NT24 News
Chandigarh
Boys hostel No-1 residents and NCC Boys Wing, PU, Chandigarh organized a cleanliness drive in collaboration at Mehar Chand Mahajan Boys Hostel No.1, here today. The event started with the two minutes silence for Bharat Ratan Awardee Late Shri Atal Bihari Vajpayee and homage was paid to him with a cleanliness drive in his memory. The premises and surrounding of hostel was cleaned and a message to the residents was passed regarding the need of clean and green environment. Dean student welfare Prof. Emanual Nahar, Dr. Rajeev Kumar (Warden, BH-1), Lt. Dr. Kuldeep Singh (NCC Coordinator) and various faculty from different departments also participated in drive. Prof. Raj Kumar, Vice chancellor, Panjab University, Chandigarh also appreciated the initiative taken by the hostel residents and NCC cadets (40 in number).

रचनात्मक लेखन है जीवन का एक तरीका : सुदिति जिंदल


ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में किया क्रिएटिव राइटिंग क्लास का संचालन , सुदिति जिंदल ने कहारचनात्मक लेखन जीवन का एक तरीका है

एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
शहर में रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देने वाली फिलायरा ट्रेनिंग एंड कंसल्टेंसी की संस्थापक सुदिति जिंदल ने कहा कि रचनात्मक लेखन जीवन का एक तरीका है और ये लेखकों का कोई एक्सक्लूसिव विशेषाधिकार नहीं है। जिसके पास भी ऐसी प्रतिभा हैवह रचनात्मक लेखन कर सकता है । सुदिति जिंदल जो यूके और दुबई से प्रकाशित एशियन लाइट पत्रिका की फीचर एडीटर हैं और दो उपन्यासों की लेखिका हैंने आज यहां ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में क्रिएटिव राइटिंग पर मास्टर-क्लास का आयोजन किया । नई दिल्ली स्थित प्रसिद्ध पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट सेलिंग लेखिका सुश्री कोटा  नीलिमा ने भी उत्साही श्रोताओं के साथ अपनी रचनात्मक यात्रा के अनुभव साझा किए ।
     सुदिति जिंदल ने बताया कि इस वर्कशॉप में करीब (50) महत्वाकांक्षी लेखकों ने भाग लिया जिसमें प्रतिभागियों को निजी तौर पर रचनात्मक लेखन का अनुभव मिला। सुदिति काफी समय से क्रिएटिव लेखन से जुड़ी हैं । सुदितिजो कि ग्रो अप मून (2012), और द एडल्ट्रेस (2016) जैसे दो चर्चित उपन्यास लिख चुकी हैंने हाल ही में यूके में डरहम यूनिवर्सिटी से क्रिएटिव राइटिंग में मास्टर्स डिग्री को पूरा किया है । उनका कहना है कि कोई भी लेखन कौशल विकसित कर सकता है जिसके लिए अन्य लेखकों के काम की व्यापक पढ़ाई की आवश्यकता होती हैऔर किसी को भी अपने लेखन में "सुनानेमें विशेषज्ञ बनने की बजाए दृश्यों को "दिखानेमें विशेषज्ञ बनने की सलाह दी जाती है । कई कहानियों और कई तथ्यात्मक लेखन के लिए जानी जाती लेखिका के रूप मेंकोटा नीलिमा ने प्रतिभागियों को सलाह दी कि कैसे एक पुस्तक में विचार विकसित होते हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेसइंडिया द्वारा प्रकाशित "विडोज ऑफ विदर्भमेकिंग ऑफ शेडोज़में अपने नवीनतम काम के बारे में विस्तार से बताया ।
     उभरते लेखक जाने माने एवं प्रसिद्ध लेखकों से भी रचनात्मक प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं और वे उनकी रचनाओं को पढ़ कर सीख सकते हैं कि उन्होंने कैसे सफल लेखन किया ।

गांधी स्मारक भवन में शोक का माहोल



गांधी स्मारक भवन में शोक का माहोल


एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
गांधी स्मारक भवन में के.के.शारदा, अध्यक्ष, देवराज त्यागी, डायरेक्टर एवं समस्त कार्यकर्ताओं द्वारा  श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रृद्धाजंलि अर्पित की गई l भारत के महान सपूत स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, भूतपूर्व प्रधान मंत्री, के आकस्मिक निधन से देश में एक शुन्य सा महसूस होने लगा हैं । वह एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने सबसे प्यार बाँटा और सबसे प्यार लिया चाहे वो सत्ता पक्षी हो या विपक्ष हो सभी उनकी इज्ज़त करते थे। वे पूरे देश वासियों के लिये एक ऐसी कमी है जो कभी पूरी नहीं की जा सकती । भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार, देश वासियों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दे । उनको नमन करते हुये आज भवन बन्द रखा गया ।


अखंड अष्टयाम पूजा का आयोजन 18 से


अखंड अष्टयाम पूजा का आयोजन 18  से

एन टी 24 न्यूज़ 
चण्डीगढ़
पूर्वांचल सांस्कृतिक संघ की ओर से 18 अगस्त को सुबह 11 बजे से शिव मंदिरविकास नगरमौलीजागरां में सावन माह के अवसर पर अखंड अष्टयाम पूजा काआयोजन किया जा रहा है संघ के प्रधान मुकेश रायजो भाजपा के कालोनी सेल के प्रधान भी हैंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा 24 घंटे लगातारहरे रामा - हरे कृष्णा के मंत्र का जाप होगा इस दौरान हवन के बाद 18  19 अगस्त की शाम को विशाल भंडारे का आयोजन भी होगा ।




सेक्टर-17 में किया नुक्कड़ काव्य सभा का आयोजन


सेक्टर-17  में किया नुक्कड़ काव्य सभा का आयोजन

एन टी 24 न्यूज़ 
चण्डीगढ़
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर द सोल टॉक टीम द्वारा सेक्टर-17 मार्किट में  नुक्कड़ काव्य सभा कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कार्यक्रम के शुरुआत में आशीष गौड़ द्वारा रामप्रसाद बिस्मिल की कविता पढ़ी गयी । बाद में मौजूद तमाम कलाकारों ने महान कवियों की रचनाएँ पढ़ीं. जिससे कार्यक्रम बहुत ही ज्ञानवर्धक बन गया। देश के स्वाधीनता संग्राम से जुड़ीं बहुत सारी क्रन्तिकारी कवितायेँ भी पढ़ी गयी और शहीदो को याद किया गया । विशेष कुमार, जगदेवआदेशवीर, सुमीत, अर्चना, रौनक, अमनदीप, रमन व सिद्धार्थ आदि लेखको ने बहुत ही खूबसूरती से उन कवियों की रचनाएँ पढ़ी जिसे लोग भूलने लगे हैं और वीर शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित की । कार्यक्रम के अंत में सरफ़रोशी की तमन्ना आशीष द्वारा पढ़ी गयीं  और जगदेव आदेशवीर ,विशेष कुमार, अमनदीप द्वारा देशभक्ति गाने गए। भारत माता की जय के नारे से कार्यक्रम का समापन हुआ ।

Friday, 17 August 2018

* आज का हिन्दू पंचांग * ..... Vinay Kumar


* दिनांक - 18 अगस्त 2018 *,  * दिन – शनिवार *, * विक्रम संवत – 2075 *, * शक संवत -1940 *, * अयन – दक्षिणायन *, * ऋतु – वर्षा *, * मास – श्रावण *, *  पक्ष – शुक्ल *, * तिथि - 19/8 रात्रि 01:47 तक अष्टमी *, * नक्षत्र - शाम 05:21 तक विशाखा *, * योग - शाम 02:55 तक ब्रह्म *, * राहुकाल - सुबह 09:19 से 10:54 *, * सूर्योदय - 06:18 *, * सूर्यास्त - 19:06 *,  * दिशाशूल - पूर्व दिशा में *, * व्रत पर्व विवरण *, * विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *, * अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38) *, * चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण) *, * चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है । *, * ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण') *, * शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण') *, * हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण) *,
* सेवफल (सेब) *
 * प्रातःकाल खाली पेट सेवफल का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सेब को छीलकर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसके छिलके में कई महत्त्वपूर्ण क्षार होते हैं। इसके सेवन से मसूड़े मजबूत व दिमाग शांत होता है तथा नींद अच्छी आती है। यह रक्तचाप कम करता है। *, * सेब वायु तथा पित्त का नाश करने वाला, पुष्टिदायक, कफकारक, भारी, रस तथा पाक में मधुर, ठंडा, रुचिकारक, वीर्यवर्धक हृदय के लिए हितकारी व पाचनशक्ति को बढ़ाने वाला है। *, * सेब के छोटे-छोटे टुकड़े करके काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में डालकर चाँदनी रात में ऐसी खुली जगह में रखें जहाँ उसमें ओस पड़े। इन टुकड़ों को सुबह एक महीने तक प्रतिदिन सेवन करने से शरीर तंदुरुस्त बनता है। *, * कुछ दिन केवल सेब के सेवन से सभी प्रकार के विकार दूर होते हैं। पाचनक्रिया बलवान बनती है और स्फूर्ति आती है। *, * युनानी मतानुसार सेब हृदय, मस्तिष्क, यकृत तथा जठरा को बल देता है, खून बढ़ाता है तथा शरीर की कांति में वृद्धि करता है। *, * इसमें टार्टरिक एसिड होने से यह एकाध घंटे में पच जाता है और खाये हुए अन्य आहार को भी पचा देता है। *, * सेब के गूदे की अपेक्षा उसके छिलके में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। अन्य फलों की तुलना में सेब में फास्फोरस की मात्रा सबसे अधिक होती है। सेब में लौहतत्त्व भी अधिक होता है अतः यह रक्त व मस्तिष्क सम्बन्धी दुर्बलताओं के लिए हितकारी है। *,
* औषधी प्रयोग *
* रक्तविकार एवं त्वचा रोगः रक्तविकार के कारण बार-बार फोड़े-फुंसियाँ होती हों, पुराने त्वचारोग के कारण चमड़ी शुष्क हो गयी हो, खुजली अधिक होती हो तो अन्न त्यागकर केवल सेब का सेवन करने से लाभ होता है। *, * पाचन के रोगः सेब को अंगारे पर सेंककर खाने से अत्यंत बिगड़ी पाचनक्रिया सुधरती है। *, * दंतरोगः सेब का रस सोडे के साथ मिलाकर दाँतों पर मलने से दाँतों से निकलने वाला खून बंद व दाँत स्वच्छ होते हैं। *, * बुखारःबार-बार बुखार आने पर अन्न का त्याग करके सिर्फ सेब का सेवन करें तो बुखार से मुक्ति मिलती है व शरीर बलवान बनता है। *
* सावधानीः सेब का गुणधर्म शीतल है। इसके सेवन से कुछ लोगों को सर्दी-जुकाम भी हो जाता है। किसी को इससे कब्जियत भी होती है। अतः कब्जियत वाले पपीता खायें। *
* वास्तु शास्त्र *
* मेन गेट के सामने गंदा पानी इकट्ठा रहता हो तो घर के लोगों को धन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। *
* पति-पत्नी के झगड़े या अनबन *
* पति-पत्नी में झगड़े होते हों, तलाक की नौबत आ जाए अथवा पति-पत्नी में मन नहीं बनता है तो पति अपने सिर के नीचे सिन्दूर रख के सो जाए और पत्नी अपने सिर के नीचे कपूर रख के सो जाए । सुबह उठे तो कपूर की आरती कर डालें और पति सिन्दूर घर में फ़ेंक दें, तो पति-पत्नी का स्वभाव अच्छा हो जायेगा । *


* आज का हिन्दू पंचांग *.... Vinay kumar


दिनांक - 17 अगस्त 2018*, * दिन – शुक्रवार *,  * विक्रम संवत – 2075 *, * शक संवत -1940 *, * अयन – दक्षिणायन *, * ऋतु – वर्षा *, * मास – श्रावण *, * पक्ष – शुक्ल *, * तिथि - 18/8 रात्रि 01:00 तक सप्तमी *, * नक्षत्र - शाम 04:11 तक स्वाती *, * योग - शाम 03:34 तक शुक्ल *, * राहुकाल - सुबह 10:54 से 12:30 *, * सूर्योदय - 06:18 *, *सूर्यास्त - 19:06* ,  *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में *, * व्रत पर्व विवरण - संत तुलसीदास जयंतीविष्णुपदी संक्रांति  (पुण्यकाल सुबह 06:52 से दोपहर 01:16 तक) *, * विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा  शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराणब्रह्म खंडः 27.29-34) *, * चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण) *, * चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है ।*,
* श्रावण शनिवार *
* बहुत लोगों को श्रावण शनिवार का पूरे वर्ष इंतज़ार रहता है। *,
* स्कन्दपुराण के अनुसार *
* " श्रावणे मासि देवानां त्रयानां पूजनं शनौ। नृसिंहस्य शनैश्चव्य अञ्जनीनन्दनस्य च ।।" *, * श्रावण मास में शनिवार के दिन नृसिंह, शनि तथा अंजनीपुत्र हनुमान इन तीनों देवताओं का पूजन करना चाहिए। *,
* शिवपुराण के अनुसार*
* अपमृत्युहरे मंदे रुद्राद्रींश्च यजेद्बुधः ॥ *, * तिलहोमेन दानेन तिलान्नेन च भोजयेत् ॥ (शिवपुराण, विध्येश्वर संहिता) *, * शनैश्चर अल्पमृत्यु का निवारण करने वाला है, उस दिन बुद्धिमान पुरुष रुद्र आदि की पूजा करे। तिल के होम के , दान से देवताओं को संतुष्ट करके ब्राह्मणों को तिलमिश्रित अन्न भोजन कराएं। *,* स्कन्दपुराण के अनुसार श्रावण शनिवार को हनुमान पूजा : *, 1. “ शनिवारे श्रावणे च अभिषेकं समाचरेत, रुद्रमंत्रेण तैलेन हनुमत्प्रीणनाय च। तैलमिश्रितसिन्दूरलेपमं तस्य समर्पयेत” रुद्रमंत्र के द्वारा तेल से हनुमान जी का अभिषेक करना चाहिए। तेल में मिश्रित सिन्दूर का लेप उन्हें समर्पित करना चाहिए। *, * 2. जपाकुसुम, आक, मंदारपुष्प की मालाओं से , नैवेद्य से उनकी पूजा करनी चाहिए। *,* 3. “जपेद्द्वादश नामानि हनुमत्प्रीतये बुधः” हनुमान जी के 12 नामों का जप करना चाहिए। *,*"हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।। *,* उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। * * लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।। " *, * जो मनुष्य प्रातःकाल उठकर इन बारहनामों को पढ़ता है, उसका अमंगल नहीं होता और उसे सभी सम्पदा सुलभ हो जाती है। *, * 4. हनुमान जी के मंदिर में हनुमत्कवच का पाठ करना चाहिए।*,*“ श्रावणे मंदवारे तु एवमाराध्य वायुजं। वज्रतुल्यशरीरः स्यादरोगो बलवान्नरः।। *, * वेगवान्कार्यकरणे बुद्धिवैभवभूषितः। शत्रु: संक्षयमाप्नोति मित्रवृद्धि: प्रजायते।। *, * वीर्यवान्कीर्तिमांश्चैव प्रसादादंञ्जनीजने। ” *,* इस प्रकार श्रावण में शनिवार के दिन वायुपुत्र हनुमानजी की आराधना करके मनुष्य वज्रतुल्य शरीर वाला, निरोग और बलवान हो जाता है। अंजनीपुत्र की कृपा से वह कार्य करने में वेगवान, तथा बुद्धि वैभव से युक्त हो जाता है, उसके शत्रु नष्ट हो जाते हैं, मित्रों की वृद्धि होती है और वह वीर्यवान तथा कीर्तिमान हो जाता है। *
* स्कन्दपुराण के अनुसार श्रावण शनिवार को शनि पूजा:*
* शनि की प्रसन्नता के लिए एक लंगड़े ब्राह्मण और उसके अभाव में किसी ब्राह्मण के शरीर में तिल का तेल लगाकर उसे उष्ण जल से स्नान कराना चाहिए और श्रद्धायुक्त होकर खिचड़ी उसे खिलाना चाहिए। तत्पश्च्यात तेल, लोहा, काला तिल, काला उडद, काला कंबल, प्रदान करना चाहिए। इसके बाद व्रती यह कहे कि मैंने यह सब शनि की प्रसन्नता के लिए किया है, शनिदेव मुझपर प्रसन्न हों। तदनन्तर तिल के तेल से शनि का अभिषेक कराना चाहिए। उनके पूजन मेजन तिल तथा उड़द के अक्षत प्रशस्त माने गए हैं। *, *उसके बाद शनि का ध्यान करें: *, शनैश्चरः कृष्णवर्णो मन्दः काश्यपगोत्रजः। *, सौराष्ट्रदेशसम्भूतः सूर्यपुत्रो वरप्रदः। दण्डाकृतिर्मण्डले स्यादिन्द्रनीलसमद्युतिः। *, बाणबाणासनधरः शूलधृग्गृध्रवाहनः। यमाधिदैवतश्चैव ब्रह्मप्रत्यधिदैवतः। *, कस्तूर्यगुरुगन्ध: स्यात्तथा गुग्गुलुधूपकः। कृसरान्नप्रियश्चैव विधिरस्य प्रकीर्तितः। *, * पूजा में कृष्ण वस्तु (काली वस्तु) का दान करना चाहिये । ब्राह्मण को काले रंग के दो वस्त्र देने चाहिए और काले बछड़े सहित काली गौ प्रदान करनी चाहिए । *
* शनि पूजन में वैदिक मंत्र: *
* ॐ  शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। *, शंयोरभिस्र वन्तु न:। ॐ शनैश्चराय नम:। *, * भगवान् शिव, शनिदेव के गुरु हैं। शिव ने ही शनि को न्यायाधीश का पद सौंपा था जिसके फलस्वरूप शनि देव मनुष्य/देव/पशु सभी को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए श्रावण के महीने में जो भी भगवान् शिव के साथ साथ शनि की उपासना करता है उसको शनि के शुभ फल प्राप्त होते हैं। भगवान् शिव के अवतार पिप्पलाद, भैरव तथा रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा भी शनि के प्रकोप से रक्षा करती है । *


Thursday, 16 August 2018

~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~* दिनांक - 16 अगस्त 2018 *, * दिन – गुरुवार ..... vinay Kumar

* दिनांक - 16 अगस्त 2018 *,  * दिन गुरुवार *, * विक्रम संवत – 2075 *, * शक संवत -1940 *, * अयन दक्षिणायन *, * ऋतु वर्षा *, * मास श्रावण *, * पक्ष शुक्ल *, * तिथि - 17/8 रात्रि 01:02 तक षष्ठी *, * नक्षत्र - शाम 03:49 तक चित्रा *, * योग - शाम 04:50 तक शुभ *, * राहुकाल - दोपहर 02:07 से 03:43 *, * सूर्योदय - 06:18 *, * सूर्यास्त - 19:07 *, * दिशाशूल - दक्षिण दिशा में *, * व्रत पर्व विवरण - कल्कि जयंती *, * विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *,
 * विष्णुपदी संक्रांति *
 * 17 अगस्त 2018 शुक्रवार को  (पुण्यकाल : सुबह 06:52 से  दोपहर 01:16 तक) विष्णुपदी संक्रांति है। *, * (विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । - पद्म पुराण) *, * शिव के द्वादश बारह ज्योतिर्लिंग की कथा और महत्त्व *, * 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा *, * भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन शुरू हो चुका है । शिवमहापुराण के अनुसार एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं, जो निष्कल व सकल दोनों हैं । यही कारण है कि एकमात्र शिव का पूजन लिंग व मूर्ति दोनों रूपों में किया जाता है। भारत में 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं। इन सभी का अपना महत्व व महिमा है । *, * ऐसी मान्यता भी है कि सावन के महीने में यदि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए जाएं तो जन्म-जन्म के कष्ट दूर हो जाते हैं । यही कारण है कि सावन के महीने में भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं
 इन 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा-: *
* 1] सोमनाथ : सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है । यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है । इस मंदिर के बारे में मान्यता है, कि जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी । ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चन्द्र देव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है । *, * 2] मल्लिकार्जुन : यह ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है । इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है । अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं । *, * कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है । एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं । *, * 3] महाकालेश्वर ज्यो तिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है । महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है । यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है । उज्जैनवासी मानते हैं कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन की रक्षा कर रहे हैं । *, 4] ओंकारेश्वर : ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है । ऊं शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है । इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊं के साथ ही किया जाता है । यह ज्योतिर्लिंग ॐकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है । *, * 5] केदारनाथ : केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है । यह उत्तराखंड में स्थित है । बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है । केदारनाथ समुद्र तल से ३५८४ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है । केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है । यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है । जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है । *, *6] भीमाशंकर : भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है । भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है । इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर का दर्शन प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं । *, * 7] काशी विश्वनाथ: विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है । यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है । काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है । इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है । इस स्थान की मान्यता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा । इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे । *, *8] त्र्यंबकेश्वर : यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है । इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है । इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है । भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है । कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा । *, *9] वैद्यनाथ : श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है । भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है । यह स्थान झारखंड राज्य (पूर्व में बिहार ) के देवघर जिला में पड़ता है । * ,* 10] नागेश्वर ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है । भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है । द्वारका पुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी १७ मील की है । इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है । *, * 11] रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग : यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरं नामक स्थान में स्थित है । भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है । *, *12] घृष्णेश्वर मन्दिर : घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है । इसे घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है । दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं । भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है । बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है । *


Wednesday, 15 August 2018

एयरोफ्लाई ने धूम - धाम से मनाया तीज व स्वतंत्रता दिवस

एयरोफ्लाई ने धूम - धाम से मनाया तीज व स्वतंत्रता दिवसतीज और देश भक्ति के गीतों से गूंजा सारा माहोल


विनय कुमार
चण्डीगढ़                                                      
    पंजाबी सभ्यता और संस्कृति को दर्शाता त्यौहार तीज और भारत की आन - बान और शान की खातिर मर-मिटने वाले सेनिकों के कारण मिली 15 अगस्त, स्वतंत्रता की ख़ुशी के दिवस को शिक्षण संस्थान एयरोफ्लाई अकादमी द्वारा सेक्टर -17 स्थित अपने परिसर में आयोजक राहुल सलारिया, जागृति मेहता, मोनिका ने अपने अन्य साथियों स्मिता शर्मा, शमा सेंडलस के साथ मनाया । संस्थान की छात्राओं ने इन दोनों सांस्कृतिक एवं देशभक्ति के त्योहारों को एक साथ ढोल - धमाके के साथ नाच- गाकर खूब जश्न मनाया । स्वाति शर्मास्मिताशमां एवं मोनिका आदि ने सूंदर प्रस्तुतियां दीं ।  
     संस्थापक राहुल सलारिया ' बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ की सोच के तहत इस संस्थान को चला रहे हैँ '  इस मौके पर संस्थान के संचालकों जागृति मेहता ने बताया कि उनके संस्थान ,को शुरू हुए महज चार माह हुए हैं व अपनी तरह की अनूठी पहल करते हुए उन्होंने बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत यहां 90% लड़कियों को दाखिला दिया है व उनमें भी अधिकतर ग्रामीण व पिछड़े वर्ग से हैं । एयरोफ्लाई में मिलने वाली शिक्षा को लेकर बच्चों में बढती उत्सुकता के चलते संस्थान में अच्छा मुकाम हासिल करने वाली छात्राओं को संचालक 50 हज़ार से लेकर एक लाख रुपय तक की छात्रवृति भी प्रदान करतें हैं l   
एन टी 24 न्यूज़ से बातचीत करते हुए राहुल सलारिया ने बतया के बच्चों को + 2 करने के बाद ये नही मालूम होता के अब वे किस तरफ अपने कदम बढाये l इसी के चलते एयरोफ्लाई में अपना करियर बनाने के बारे में पूरी जानकरी देने को इस संस्थान को आयोजित किया गया है l





    


       


Tuesday, 14 August 2018

जनरल हॉस्पिटल का मुलाजिम करंट आने से घायल


जनरल हॉस्पिटल का मुलाजिम करंट आने से घायल




एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
जनरल हॉस्पिटल सेक्टर 16 चंडीगढ़ में कंट्रेक्ट पर काम करने वाला मुलाजिम जब दीवार को पानी से साफ कर रहा था l दिवार में करंट आने से रोहित नाम का मुलाजिम घायल हो गया l रोहित ने बताया कि हॉस्पिटल प्रशासन के कहने पर मैं दीवार को पानी से साफ कर रहा था और मुझे करंट लगा और करंट लगने से मैं बेयोश हो गया l मेरा एक हाथ जल गया कॉर्डिनेशन कमेटी के कनवीनर अश्वनी कुमार ने कहा एकता कंट्रेक्ट वर्कर यूनियन  जी एम एस एच जो कॉर्डिनेशन कमेटी के साथ ऐफीलेटीड है उन्होंने जब कॉर्डिनेशन कमेटी को बुलाया जहां देखा के हॉस्पिटल प्रशासन का कोई भी अधिकारी घायल रोहित
का हाल पूछने नहीं आया तो कमेटी ने यहां रोष प्रदर्शन किया और मेडिकल सुपरीडेंट डॉक्टर सतवीर ने दखलअंदाजी की और रोष प्रदर्शन कर रहे नेताओं को बुलाकर बात की और वादा किया के सोमवार को 9:30 बजे मीटिंग बुलाई जाएगी उस में सभी नरसींग सुपरीडैंट  को बुलाकर बात की जाएगी जिससे एसी घटनाएं हॉस्पिटल में फिर कभी ना हो l इस मीटिंग में मूलाजिम  नेताओं को भी बुलाया गया है l