*दिनांक - 19 जून 2018*, *दिन -
मंगलवार*,
*विक्रम संवत - 2075*, *शक संवत -1940*, *अयन - उत्तरायण* , *ऋतु - ग्रीष्म* , *मास - ज्येष्ठ* , *पक्ष - शुक्ल*
, *तिथि -
सुबह 06:41 से सप्तमी* , *नक्षत्र - रात्रि 01:46 पूर्वाफाल्गुनी* , *योग - सुबह 07:54 से सिद्धि* , *राहुकाल - शाम 03:59
से 05:39*,, *सूर्योदय - 05:58* , *सूर्यास्त - 19:21* , *दिशाशूल - उत्तर दिशा में* , *व्रत पर्व विवरण -
जामात्रा षष्ठी (बंगाल), विंध्यवासिनी पूजा, संत टेऊँराम पुण्यतिथि, महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान
दिवस (झाँसी), सप्तमी क्षय तिथि*
*विशेष - षष्ठी को नीम की
पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की
प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*बुधवारी अष्टमी*
*20 जून 2018 बुधवार को (सूर्योदय से 21 जून प्रातः 03:52 तक) बुधवारी अष्टमी है ।*
🏻 *मंत्र
जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🏻 *सोमवती
अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी
चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार
तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🏻 *इनमें
किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व
श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
🏻 *व्यतिपात
योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप
या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता
प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ
भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🏻 *वाराह
पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की ।*
🏻 *व्यतिपात
योग माने क्या देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी
तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुए नाराज हुए,
उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना
कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही
दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम
श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव
को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस
समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह
पुराण में।*
*विशेष ~ व्यतिपात
योग - 20 जून 2018 बुधवार को प्रातः 05:31
से 21 जून 2018 गुरुवार
को प्रातः 03:45 तक व्यतिपात योग है।*
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