यह ग्रहण न दिखेगा दोबारा
आज रात लगने वाला
4 घंटे
की अवधि वाला चंद्र ग्रहण , 104 साल पहले लगा था और अब 9
जून , 2123 को ही नजर आएगा । इसे हमारी
लगभग चौथी पीढ़ी ही देख पाएगी। यदि वर्षा या बादल हुए तो हो सकता आप आज रात न देख
पाएं ।
एक अन्य खगोलीय घटना भी साथ साथ हो रही है। इसके
अलावा 31 जुलाई ,
मंगलवार को मंगल ग्रह , 15 सालों में पहली बार
धरती के सबसे निकट होगा । इससे पूर्व 2003 में मंगल ,
पृथ्वी के काफी निकट था ओर अब 2020 में भी यह
हमारे काफी निकट होगा ।
ज्योतिषीय दृष्टि से दोनों खगोलीय घटनाएं
धरतीवासियों के लिए अच्छी नहीं हैं ।
ज्हां एक मास में ही
तीन ग्रहण , प्राकृतिक
आपदाओं के सूचक हैं वहीं मंगल का पृथ्वी के बहुत निकट आना युद्ध, आतंकी घटनाओं, विस्फोट, प्राकृतिक
उथल पुथल, राजनीतिक परिवर्तन का सूचक है। पाकिस्तान में
सत्ता परिवर्तन के साथ साथ , भारतीय सीमा पर आतंकी घटनाओं
में वृद्धि से इन्कार नहीं किया जा सकता ।
27 और 28 जुलाई
की मध्य रात्रि में लगने वाले चन्द्रग्रहण में करीब 1 घंटे 43 मिनट का खग्रास रहेगा । यह
चन्द्रग्रहण शुरू होने से अंत होने तक करीब 4 घंटे
का रहेगा । यह
चंद्रग्रहण 104 साल बाद बेहद खास है - । यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण होगा। इस चंद्रग्रहण को पूरे भारत में
देखा जा सकता है । पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के मध्य हिस्से
से होकर गुजरेगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो
वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है और एक दुर्लभ घटना के तहत गहरे
भूरे रंग से और अधिक गहरा हो जाता है। यही कारण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है
और उस समय इसे ब्लड मून कहा जाता है।
- ग्रहण स्पर्श – 23:54. -27 जुलाई की रात्रि, खग्रास आरंभ-‘
25:00.-27 /28 जुलाई की मध्य रात्रि, - ग्रहण मध्य- 01:52
.28 जुलाई, खग्रास समाप्त- 02-43.-28 जुलाई, ग्रहण समाप्त -03:49-28 जुलाई, ग्रहण की अवधि- 3 घंटे, ग्रहण का सूतक- 27 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से ग्रहण समापन तक ।
- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़
9815619620
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