Saturday, 16 March 2019

NT24 News : दीक्षांत के छात्रों ने सेटेलाइट बनाया, ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का पहला स्कूल बना.......

दीक्षांत के छात्रों ने सेटेलाइट बनायाऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का पहला स्कूल बना
 एन टी 24 न्यूज़ 
विनय कुमार
चंडीगढ़
दीक्षांत स्कूल भारत का पहला ऐसा स्कूल बन गया हैजिसके छात्रों की एक टीम ने 'दीक्षांत सेट-1'  नामक एक हाई एल्टीट्यूड बैलून सैटेलाइट तैयार किया है। इस परियोजना को सुरेश नाइक सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन प्लेनेटरी साइंस के परिसर में अंजाम दिया गया स्मार्ट सर्किट्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन मेंदीक्षांत स्कूल के 9 वीं एवं उससे ऊपर की कक्षाओं में अध्ययनरत 12 युवा वैज्ञानिकों ने इस उपग्रह को डिजाइन और विकसित किया है। एक विचार को आकार देने और विकसित करने की पूरी प्रक्रिया में छह माह का समय गेगाजिसमें अनुसंधानप्रोटोटाइपिंगडिजाइनिंग और विकास शामिल है 'सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की वैश्विक पहुंच के साथस्पेस कॉमर्स में छोटे सेटेलाइट्स का महत्व तेजी से बढ़ रहा है । युवा मस्तिष्कों को आकर्षित करने और इस क्षेत्र विशेष में उनकी रुचि जगाने के लिएहम छात्रों को इस क्षेत्र में अधिक काम करने के लिए एक मंच प्रदान कर रहे हैं, '  मितुल दीक्षितचेयरमैनदीक्षांत स्कूल ने कहा छात्रों द्वारा शौकिया तौर पर डिजाइन किये गये इस कृत्रिम उपग्रह को यह सोचकर बनाया गया है कि यह 99,000 फीट यानी करीब 30 किलोमीटर ऊंचाई (स्ट्रेटोस्फियर) पर जाकरवायुमंडलीय दबावआर्द्रतातापमानऊंचाईआदि विभिन्न पर्यावरणीय मापदंडों को हासिल करने और इसमें लगे कैमरे की मदद से पूरी यात्रा का वीडियो बनाने में सक्षम हो सके। पेलोड (सेटेलाइट) को हीलियम गैस के एक गुब्बारे की मदद से स्ट्रेटोस्फियर में ले जाया जाएगा। जैसे-जैसे गुब्बारा ऊंचाई हासिल करेगावायुमंडलीय दबाव में कमी के कारण इसका विस्तार होता जायेगा और अंत में यह फट जाएगा। तभी पेलोड से जुड़ा पैराशूट स्वचालित रूप से खुल जायेगा और पेलोड पूर्वानुमानित लैंडिंग क्षेत्र में आकर उतरेगाजहां से टीम उसे ले आयेगी और उसमें स्टोर डेटा को प्राप्त कर लेगी  छात्रों ने एक 3 डी प्रिंटर का उपयोग करके दीक्षांत सेट-की संरचना तैयार की। दीक्षांत सेट-की विभिन्न उप-प्रणालियों में फ्लाइटबोर्डकंट्रोलरसेंसरजीपीएस / जीएसएम टेक्नोलॉजीपॉवर सबसिस्टम आदि शामिल हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडियाडायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए)भारत सरकार और अन्य सरकारी एजेंसियां दीक्षांत सेट-हाई एल्टीट्यूड बैलून सेटेलाइट को लॉन्च करने के लिए पहले ही मंजूरी दे चुकी हैं।  इस सेटेलाइट को औपचारिक तौर पर मार्च अंत तक लॉन्च कर दिया जायेगा। उन्नत चरण मेंस्कूल अपने छात्रों को इसरो के सहयोग से अंतरिक्ष में क्यूब सैटेलाइट (लगभग 10-सेंटीमीटर के छोटे उपग्रह) पर काम करने के लिए एक खास मिशन और अंतरिक्ष में लक्ष्य को लॉन्च करने का इरादा रखता है। यह सब सीखते हुएछात्रों को इसरो और नासा के विशेषज्ञों से मिलने और बातचीत करने के पर्याप्त अवसर मिलेंगेक्योंकि भविष्य में उनके लिए व्यावहारिक प्रशिक्षणपरिसर में फैकल्टी विजिट और ऑडियो-वीडियो सत्र आयोजित करने की योजना है  


No comments: