इकोसिख ने वायु प्रदूषण के संकट
से निपटने के लिए 'ब्रीदिंग पंजाब ' जागरूकता
प्रोजेक्ट किया शुरू.
इकोसिख ने बठिंडा में तैयार किया 'प्रथम
गुरु नानक पवित्र वन '
एन टी 24 न्यूज़ विनय कुमार
चंडीगढ़
कोसिख ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर पर, बठिंडा में पहले गुरु नानक सेके्रड फॉरेस्ट की स्थापना की है । 'अफॉरेस्ट ' के
संस्थापक और वन संरचना के क्षेत्र में भारत के अग्रणी
विशेषज्ञ, शुभेंदु शर्मा ने बठिंडा के गिल पट्टी गांव में इस पहले 'गुरु नानक
सेक्रेड फॉरेस्ट ' के निर्माण की अगुआई की । इकोसिख द्वारा आयोजित 3-दिवसीय कार्यशाला में पंजाब के 100 से अधिक प्रशिक्षुओं को मियावाकी वनीकरण विधि सिखायी गयी थी । शुभेन्दु शर्मा ने स्वयं व्यावहारिक
प्रशिक्षण प्रदान कर, इनसे 350 वृक्ष लगवाकर इस 100 वर्ग मीटर वन का
निर्माण किया । गुरु नानक के नाम पर यह पहला जंगल है, जिसे इकोसिख के
स्वयंसेवकों ने दातार एजूकेशनल एंड एन्वायर्नमेंटल
ट्रस्ट, बठिंडा के सहयोग से लगाया है । 'गुरु नानक देव पचित्र वन ' की लॉन्चिंग तथा 'ब्रीदिंग पंजाब ' इनीशिएटिव की शुरुआत की घोषणा करने के लिए इकोसिख की ओर से चंडीगढ़ प्रेस
क्लब में एक प्रेस मीट का आयोजन किया गया। प्रेस मीट
में देश भर के पर्यावरण प्रेमियों और विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित पैनल ने संबोधित
किया। इनमें 'अफॉरेस्ट ' के संस्थापक शुभेंदु शर्मा शामिल थे, जिन्होंने भारत के शहरी क्षेत्रों में वन लगाने के अपने जुनून की खातिर टोयोटा, जापान की एक
शानदार नौकरी छोड़ दी । प्रेस वार्ता में मौजूद अन्य व्यक्तियों में प्रमुख थे: चरण सिंह - मुंबई के इकोसिख वन निर्माता, सुप्रीत कौर - इकोसिख इंडिया की प्रेसीडेंट, रवनीत सिंह, इकोसिख प्रोजेक्ट मैनेजर, गौरव गुर्जर - अफॉरेस्ट जोधपुर के जंगल ट्री एक्सपर्ट, मंजुला सुलारिया - डायरेक्टर, प्रसनचेतास फाउंडेशन चंडीगढ़, हरप्रीत कौर बग्गा - इकोसिख बोर्ड सदस्य
(लुधियाना) और इबादत सिंह, वाइस प्रेसीडेंट (ऑप्स), डाटाविंड। मुंबई से इकोसिख के फॉरेस्ट क्रिएटर चरण सिंह
ने गुरु नानक सेक्रेड फॉरेस्ट का विवरण देते हुए कहा,
'पंजाब में हमारे पहले वन में 33 अलग-अलग
मूल प्रजातियों के वृक्ष शामिल हैं, अैर यह पंजाब का पहला मियावाकी वन भी है। प्रशिक्षण
सत्रों में लोगों के जोश को देखकर हमें खुशी हुई और हमें विश्वास है कि इकोसिख आगामी 550 वें गुरपूरब से
पहले ही 10 लाख वृक्ष रोपने के अपने लक्ष्य को पार कर जायेगा ।' 'मेरा पूर्ण विश्वास है कि प्रत्येक इकोसिख एक गुरु नानक पवित्र वन लगा
सकता है, ' चरण सिंह ने आगे कहा । शुभेन्दु शर्मा, जो अब तक 16 देशों में 132 वन लगा चुके हैं, ने कहा, 'पंजाब राज्य में पवित्र वन लगाने के लिए इकोसिख
के साथ जुडऩे कीहमें खुशी है। पंजाब और उत्तर भारत के
अनेक हिस्सों में ग्रीन कवर की आवश्यकता है। मिनी फॉरेस्ट विकसित करने की मियावाकी वनीकरण पद्धति पंजाब के खो चुके फॉरेस्ट कवर को वापस लाने की दिशा में एक प्रभावी विधि है। यह सबसे प्रभावी और प्राकृतिक तरीका है, जिसकी मदद से एक व्यक्ति 200 वर्ग मीटर में 550 से अधिक पेड़ लगा सकता है। इस विधि से लगाये गये पौधे दस गुना तेजी से बढ़ते हैं, ऐसे जंगल 30 प्रतिशत ज्यादा घने होते और
ये 100 प्रतिशत जैव विविध तथा प्राकृतिक हैं ।' अफॉरेस्ट जोधपुर के जंगल ट्री एक्सपर्ट, गौरव गुर्जर ने
अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, 'मैंने
देखा है कि केवल कुछेक सामुदायिक अथवा पवित्र वन ही बच पाये हैं। यह बहुत अच्छा है कि इकोसिख ने पवित्र वनों की अवधारणा को फिर से शुरू किया है, जो देशी हैं और जिनमें जैव विविधता का
ध्यान रखा गया है। ये वन भविष्य की पीढिय़ों के लिए
जेनेटिक बैंकों के रूप में काम करेंगे और इनकेस्तित्व व जीवन को सुनिश्चित करेंगे।' इकोसिख के प्रोजेक्ट मैनेजर रवनीत सिंह ने
पंजाब सहित भारत के अनेक हिस्सों तथा विदेशों में ऐसे
पवित्र जंगल तैयार करने की इकोसिख की योजना की घोषणा करते हुए कहा, 'इकोसिख और अफॉरेस्ट की ओर से पंजाब में
ऐसी 10 वर्कशॉप आयोजित की जायेंगी, जिनमें पंजाब के खोए हुए वन आवरण को
पुनर्जीवित करने और वन लगाने वाली एक पीढ़ी तथा जलवायु
योद्धाओं का निर्माण किया जायेगा। यह सही समय है जब सिख
समुदाय को अपने महान गुरु के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए अपनी भूमि पर 10 लाख पेड़ लगाकर उनके संदेश को
साकार करें। जंगल बनाने के लिए समुदाय की ओर से पहले ही
हमें 40 से अधिक प्रस्ताव मिल चुके हैं ।' इकोसिख इंडिया की
प्रेसीडेंट, सुप्रीत कौर ने वायु प्रदूषण पर अमेरिका के 350 डॉट ओआरजी संगठन की भागीदारी में इकोसिख की
नवीनतम जागरूकता पहल 'ब्रीदिंग पंजाब ' को लॉन्च किया। इसके तहत लुधियाना और चंडीगढ़ में आम नागरिकों को वायु प्रदूषण के बारे में सचेत किया जायेगा और खराब होती शहरी व ग्रामीण आबोहवा से निबटने के उपाय बताये जायेंगे। उन्होंने कहा, 'उत्तर भारत में इस तरह के वनों की अत्यधिक आवश्यकता है, क्योंकि पंजाब के छह शहर - मंडी गोबिंदगढ़, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला व खन्ना और हरियाणा के पांच शहर - गुरुग्राम, फरीदाबाद, जींद, रोहतक व पंचकूला विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2018 की सर्वाधिक
प्रदूषित शहरों की सूची में आ चुके हैं। पंजाब के शहरों
में, 26 वीं रैंक के साथ मंडी गोबिंदगढ़ शीर्ष पर है, जबकि 57 वें स्थान पर अमृतसर, 82 वें स्थान पर जालंधर और 95 वें स्थान पर लुधियाना है ।
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