हेल्थ टॉक में हिमाचल
पेंशनर्स ने भाग लिया
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
विनय कुमार
पंचकुला
हिमाचल पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन, पंचकुला के 110 सदस्यों ने आज यहां एक होटल
में ओजस अस्पताल द्वारा आयोजित फेफड़ों की समस्याओं से कैसे बचा जाए पर हेल्थ टॉक
में भाग लिया। हेल्थ टॉक के
दौरान बोलते हुए ,
डॉ सनी विरदी कंसल्टेंट-पल्मोनोलॉजी, ओजस
हॉस्पिटल ने फेफड़ों की पुरानी समस्याओं से निपटने के तरीके बताए, जो समय पर इलाज न होने पर जानलेवा हो सकती हैं। डॉ. विरदी ने बताया कि सीओपीडी (क्रोनिक
ऑबस्ट्रक्टिव पलमनरी डिजीज) को नियंत्रित किया जा सकता है और ये एक इलाज योग्य रोग
है लेकिन कोई स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है। यह मुख्य रूप से बीड़ी, सिगरेट आदि का धूम्रपान करने, तंबाकू चबाने के
अलावा वायु प्रदूषण के कारण होती है।धूम्रपान करने वालों की जिंदगी गैर-धूम्रपान
करने वालों की तुलना में 10-वर्ष तक कम हो जाती है।
प्रत्येक सिगरेट 11 मिनट तक का जीवन कम करता है। धूम्रपान
के एक कश में 7000 रसायनों और 69 प्रकार के कैंसर करने वाले तत्व होते हैं। डॉ. विरदी ने कहा कि धूम्रपान न केवल
फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है बल्कि यह मुंह, गले, पेट, गुर्दे और मूत्राशय के कैंसर का कारण भी
बनता है। मरीजों में से आधे लोग इस बात से अवगत नहीं
हैं कि वे सीओपीडी से पीडि़त हैं क्योंकि उम्र बढऩे के रूप में धूम्रपान करते हुए
होने वाली खांसी और सांस उखडऩे को उम्र बढऩे के बदलावों के साथ जोड़ते हुए इसे
नजरअंदाज कर देते हैं। डॉ. विरदी ने बातचीत के दौरान
अस्थमा और सीओपीडी के इलाज में इनहेलर्स के लाभों का भी विस्तार से वर्णन किया व इस क्रोनिक और जान के लिए जोखिम पैदा करने
वाले रोग से सफलतापूर्वक निपटने के लिए उपयोगी टिप्स दिए ।
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