घर में पारद शिवलिंग की पूजा कर पा सकते हैं शिव
की कृपा : मंजू मल्होत्रा फूल
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। सावन के पूरे महीने शिव
की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस बार सावन की शुरुआत 06 जुलाई, सोमवार
से हो रही है तथा सावन माह की समाप्ति भी 03 अगस्त, सोमवार से ही हो रही है। इस बार सावन में पांच
सोमवार आ रहे हैं। सावन माह की शुरुआत और अंत सोमवार
से होना अपने आप में ही एक बहुत बड़ा महासंयोग है और यह महासंयोग अपने आप में हमें
कुछ कहता है। जहां आज पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी झेल रहा है। ऐसे में सावन
माह की शुरुआत और अंत सोमवार शिव के दिन से ही होना। हम सबको इस महासंयोग को समझना
होगा और शिव की शक्ति और महिमा को समझकर शिव भक्ति में लीन होना होगा।
शिव तो भोलेनाथ है, थोड़ी सी पूजा-अर्चना से
ही प्रसन्न हो जाते हैं। भक्त सावन महीने में गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से
जल लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। परंतु इस बार कोरोना के चलते
कावड़ यात्रा पर पाबंदी लगाई गई है। हमें समस्त पाबंदियों का पालन करना है। यदि
मंदिर जाएं तो मंदिर में जलाभिषेक के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें।
कण-कण में प्रभु शिव का वास है। हम प्रतीकात्मक रूप से भी प्रभु का जलाभिषेक कर
सकते हैं। घर में भगवान शिव के चित्र के सामने भी जल
अर्पित कर सकते हैं। प्रभु श्री राम ने रामेश्वरम में समुद्र के किनारे मिट्टी का
शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा कर शिव की कृपा प्राप्त की थी। घर में मिट्टी का शिवलिंग
गमले में या किसी ऐसी जगह जहां पैर ना लगे वहां बनाकर
भी जलाभिषेक किया जा सकता है। भक्त घर में ही पारे से निर्मित पारद शिवलिंग की
पूजा करके शिव की कृपा पा सकते हैं। विभिन्न पुराणों में पारद शिवलिंग की पूजा का
महत्व वर्णित है। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार सावन
के महीने में समुद्र मंथन किया गया था और मंथन के बाद समुद्र से हलाहल विष निकला
था। उस विष को पीकर भगवान
शिव ने इस सृष्टि की रक्षा की थी। यदि प्रभु शिव उस
हलाहल विष से इस सृष्टि की रक्षा कर सकते हैं तो प्रभु
शिव में वह शक्ति भी है कि वह इस कोरोना जैसी महामारी से भी मानव जाति की रक्षा
करें। आवश्यकता है तो बस प्रभु में श्रद्धा और पूर्ण विश्वास की
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