आप’ ने 26 जनवरी के ‘किसान ट्रैक्टर परेड’ के समर्थन का किया ऐलान
राज्य भर के आप कार्यकर्ता ट्रैक्टर के साथ परेड में शामिल
होंगे: भगवंत मान
मोदी सरकार अपने अडिय़ल रवैये को छोड़े और तुरंत काले कृषि
कानूनों को रद्द करे
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
आम आदमी पार्टी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में 26 जनवरी को
किसानों द्वारा आयोजित की जा रही ट्रैक्टर परेड में शामिल होने की घोषणा की है।
पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में आप के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा
कि आप के कार्यकर्ता पंजाब के हर गांव से ट्रैक्टर के साथ परेड में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक राजनीतिक दल के रूप में नहीं, बल्कि किसान
और मजदूर के सेवक के रूप में आंदोलन में शामिल होगी। आम आदमी पार्टी हमेशा से आम
लोगों के हितों की आवाज उठाने वाली पार्टी रही है और आगे भी पार्टी किसानों, मजदूरों और
गरीब लोगों के संघर्ष में हमेशा साथ रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा अपने
अस्तित्व के लिए किए जा रहे आंदोलन,
इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी और योजनाबद्ध एवं शांतिपूर्ण तरीके से
किए जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है। यह लड़ाई केवल काले कानूनों
को निरस्त करने के लिए नहीं है,
बल्कि देश के लोगों के संविधानिक
अधिकारों को बचाने के लिए भी है। शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकालना
किसानों का संवैधानिक अधिकार है,
जिसे सरकार खत्म करने की कोशिश कर रही है। जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार 2014 के बाद से
लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है,
वह देश के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि हिटलर के क्रूर शासन की तरह
मोदी सरकार किसान आंदोलन को कुचलने के लिए तमाम तरह के गैरलोकतांत्रिक कदम
उठा रही है। मान ने कहा,
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले देश की सार्वजनिक कंपनियों को
कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेच दिया गया, अब किसानों की जमीन हड़पने के लिए काले कानून लाकर मु_ी भर लोगों
हाथों किसानों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बहुत आश्चर्य की बात है कि
लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार लोगों की बात सुनने के बजाय अडानी-अंबानी जैसे
कॉर्पोरेटों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से
काले कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। राजनीतिक दल से ऊपर उठकर देश के किसानों के
इस संघर्ष का समर्थन करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है, इसीलिए हम
किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि
किसानों के दुख-दर्द को समझते हुए मोदी सरकार को अपना अडिय़ल रवैया छोड़े और
किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार कर तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करे।
No comments:
Post a Comment