केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया - श्री चंद्रजीत
बनर्जी, महानिदेशक, सीआईआई
विनय कुमार
चंडीगढ़
पीयूष गोयल द्वारा
प्रस्तुत 2019-20 के बजट ने अर्थव्यवस्था में मांग और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सही
बिंदुओं को स्पर्श किया है । किसानों, मध्यम वर्ग और
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जैसे समाज के प्रमुख उपभोग वर्गों को दृढ़ता से
संबोधित करते हुए, इसका उद्देश्य आय को स्थिर करना और
कमजोर लोगों के लिए जोखिम कम करना है । राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए
वित्त मंत्री की प्रशंसा की जानी चाहिए। बजट दर्शाता है कि अच्छी राजनीति अच्छे
अर्थशास्त्र में तबदील हो सकती है । सरकार ने वर्षों से कृषि और ग्रामीण
अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और बजट किसानों के लिए प्रत्यक्ष आय
हस्तांतरण प्रदान करने के लिए एक उल्लेखनीय पहल करता है । किसानों को उनके फायदे
पहुंचाने से भविष्य में सभी गरीब नागरिकों के लिए एक बुनियादी आय योजना में
विस्तार करने के लिए आधर तय होगा, जो उद्योग के सुझावों
के अनुरूप है । बजट में एक महत्वपूर्ण कदम औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों
में श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करना है जो श्रम सुधारों के लिए
पहल को प्रोत्साहित करेगा । मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए कर राहत अर्थव्यवस्था
में समग्र विश्वास को भारी बढ़ावा देगी । सरकार ने 2030 में बुनियादी ढांचे, सामाजिक क्षेत्रों, प्रौद्योगिकी और स्थिरता जैसे प्रमुख विकास वाहकों के आधार पर देश के लिए
एक महत्वाकांक्षी और अपेक्षाओं से भरपूर दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की है। ये
सीआईआई के भारत @ 75 कार्यक्रम के तहत वर्णित कई
तथ्यों से जुड़े हैं, जो भारत के आर्थिक विकास, तकनीकी प्रगति और नैतिक शक्ति को दर्शाते हैं । केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया
- श्री सचित जैन, चेयरमैन, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र यह सराहनीय है कि वित्त
मंत्री 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे को 3.4 प्रतिशत पर नियंत्रित करने में सक्षम रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र और मध्यम
वर्ग को प्रदान किए गए प्रोत्साहन और समर्थन के बावजूद सिर्फ 0.1 प्रतिशत का ही फर्क पड़ा हैँ। दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों के लिए6,000 रुपये की प्रत्यक्ष आय ट्रांसफर के माध्यम से कृषि आय स्थिरता पर ध्यान
देना एक स्वागत योग्य कदम है और कृषि के साथ जुड़े जोखिम को कम करेगा। उन्होंने कहा
कि उत्तरी राज्यों का कृषि क्षेत्र राष्ट्रीय कृषि जीडीपी में लगभग एक तिहाई
योगदान देता है, इससे छोटे और सीमांत किसानों को बहुत
लाभ होगा और उनको प्रोत्साहन मिलेगा । केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया - श्री
समीर गुप्ता, डिप्टी चेयरमैन, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र माननीय वित्त मंत्री
द्वारा अगले 8 वर्षों में भारत की इकोनॉमी 10 ट्रिलियन डॉलर की होने का दृष्टिकोण एक स्वागतयोग्य कदम है। असंगठित
क्षेत्र और पेंशन के लिए सामाजिक सुरक्षा योगदान श्रमिकों को बहुत मदद करेगा और
भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती से स्थापित करने में लंबा रास्ता तय करेगा। आयकर की
छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से
उपभोक्ताओं / लोगों के हाथों में खर्च करने योग्य
आय में वृद्धि होगी l
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