रोपड़ में स्वाइन फ्लू पर
हेल्थ टॉक आयोजत
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़ / रोपड़
आईवी हॉस्पिटल, मोहाली ने आज सीनियर सिटीजंस काउंसिल, रोपड़ में
स्वाइन फ्लू पर एक हेल्थ टॉक का आयोजन किया, जिसमें से 90 से अधिक सीनियर सिटीजंस
ने हिस्सा लिया । इस हेल्थ टॉक के दौरान डॉ. सचिन वर्मा कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन,
आईवी हॉस्पिटल ने उपस्थित सीनियर सिटीजंस को संबोधित करते हुए कहा कि इन्फ्लूएंजा
वायरस स्वाइन फ्लू का प्रमुख कारण है । उन्होंने कहा, इन्फ्लुएंजा 3 प्रकार के
हैं, जैसे कि इन्फ्लुएंजा ए, बी, सी। इन्फ्लुएंजा ए का अपना सबटाइप्स है और इनमें
से एच1एन1 वायरस ही इस रोग के प्रसार का प्रमुख तौर पर जिम्मेदार है । डॉ. सचिन
ने आगे बताया कि प्रारंभिक अवस्था में इसके लक्षण हल्के खांसी, सर्दी और बुखार हैं
। ओपीडी में आने वाले मरीजों की अधिकतम संख्या सिरदर्द और शरीर में दर्द की शिकायत
करती है । उन्होंने बताया कि लगभग 1 प्रतिशत रोगियों में, ये लक्षण तीव्रता में
बढ़ जाते हैं और रोगी को सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी, सांस लेने में मुश्किल
होती है। ऐसे ही कुछ मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो जाती है । उन्होंने स्पष्ट
किया कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि स्वाइन फ्लू के बारे में खासतौर पर
भारत में बहुत ज्यादा फोबिया फैला हुआ है । यह घातक नहीं है यदि आप उन सुरक्षा
उपायों के बारे में जानते हैं जो बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक हैं, तो आपको कोई
जोखिम नहीं है । डॉ. सचिन ने कहा कि स्वाइन फ्लू को
डायग्नोस कैसे किया जाता है। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कल्चर टेस्ट भी
किया जा सकता है लेकिन यह उतना संवेदनशील नहीं है। आमतौर पर वायरस का पता लगाने के
लिए, गले के स्वाब (खराश) को बीमारी के 4 से 5 दिनों के भीतर एकत्र करने की
आवश्यकता होती है । इस रोग की रोकथाम के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि
एक संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 1-मीटर की दूरी बनाए रखना चाहिए । अपने हाथों को
नियमित रूप से धोएं, भीड़ भरे क्षेत्रों से बचें और पर्याप्त आराम करें ।
डॉ. सचिन ने कहा कि रोगी को सावधानी से छींकने की कोशिश
करनी चाहिए ताकि छींक के दौरान आपकी नाक से निकलने वाली बूंदें फैल न जाएं और इस
तरह आपके रिश्तेदारों और दोस्तों को इससे संक्रमित होने से बचाया जा सकता है ।
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