कारगिल शहीद के पिता का दर्द , 21 साल बाद भी नहीं बनी शहीद के गाँव को सड़क
एन टी24 न्यूज़
बीबीएन
कविता गौत्तम / विनय
पिछले कल पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा था तो
दूसरी और कारगिल युद्ध में अपनी जान की बाजी लगाने वाले शहीद के पिता का दर्द छलक उठा। यहाँ के नजदीकी गाँव पंदल का का 23 वर्षीय जवान राइफल मैन प्रदीप कुमार 9 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान देश सेवा करते हुए
शहीद हो गए था, उस समय तक उसकी शादी भी नहीं हुई थी । शहीद
के पिता जगरनाथ ने बताया कि प्रदीप कुमार 4 जेक राइफल्स में
कुपवाड़ा में तैनात थे। उनकी शहादत के बाद सरकार ने बड़ी
बड़ी घोषणाएं की थी, जो आज तक
पूरी नहीं हुई । लोगों की मांग थी कि दीगल से पन्दल गाँव में शहीद प्रदीप के घर तक पक्की सड़क बनाई जाये और इसका नामकरण शहीद प्रदीप के
नाम पर हो , लेकिन यह मांग आज तक
पूरी नहीं हुई । ग्रामीणों ने मिलकर साढ़े तीन
किलोमीटर लंबी दिग्गल से पंदल में शहीद प्रदीप कुमार के घर तक सड़क अपने स्तर पर बनाई, लेकिन यह अब भी कच्ची है।
शहीद प्रदीप के पिता जगरनाथ कौशल जो स्वयं भी सेना में रहे हैं, ने बताया कि सरकार की बेरुखी से दुखी है और उन्होंने अब उम्मीद छोड़ दी है
। सड़क इस साल बन कर तैयार हो जाएगी - लोकनिर्माण विभाग इस बारे में लोकनिर्माण विभाग के दिग्गल
अनुभाग के कनिष्ठ अभियंता जोगिन्दर कुमार ने बताया कि शहीद प्रदीप के गाँव पंदल के
लिए सड़क का काम जारी है । कुछ हिस्से में टाइलें लगाई जा रहीं है और शेष भाग पर
टायरिंग की जाएगी । टाइल का काम तो लगभग पूरा होने ही वाला है जबकि टायरिंग का
टेंडर हो चूका है और बरसात के मौसम के बाद हो जायेगा । उम्मीद है कि इस
साल यह सड़क पूरी तरह बनकर तैयार हो
जाएगी ।
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