Thursday, 4 December 2025

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संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र को दिशा देने वाली जीवंत नैतिक शक्ति है : न्यायमूर्ति विनोद भारद्वाज

भारतीय स्त्री शक्ति ने बार एसोसिएशन के सहयोग से संविधान दिवस मनाया

चंडीगढ़, विनय कुमार : चण्डीगढ़ : भारतीय स्त्री शक्ति संस्था, चण्डीगढ़ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सहयोग से संविधान दिवस मनाया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लगभग 200 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। मुख्य संबोधन माननीय न्यायमूर्ति विनोद भारद्वाज ने दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र को दिशा देने वाली “जीवंत नैतिक शक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके मूल्यों की रक्षा तभी संभव है जब विधिक समुदाय नैतिक आचरण को सुदृढ़ करें, निष्पक्षता को बनाए रखे और न्याय को सभी के लिए सुलभ सुनिश्चित करे। न्यायमूर्ति भारद्वाज ने बार और बेंच की भूमिका पर बल देते हुए अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि वे रोज़मर्रा की विधिक प्रथाओं में संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करें, क्योंकि जनता का विश्वास न्याय व्यवस्था की ईमानदारी पर टिका है। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल, बलदेव राज महाजन सहित अन्य प्रतिष्ठित सदस्य भी उपस्थित रहे। भारतीय स्त्री शक्ति की प्रतिनिधि अधिवक्ता गीता शर्मा ने संविधान दिवस को न्याय, समानता और स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः सुदृढ़ करने का अवसर बताया। कार्यक्रम धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ, जिसमें भारत के संवैधानिक ढांचे को सुदृढ़ बनाए रखने के सामूहिक संकल्प की पुनः पुष्टि की गई।

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