Saturday, 10 November 2018

विश्वकर्मा दुनिया के प्रथम इंजिनियर हैं – टंडन

 विश्वकर्मा दुनिया के प्रथम इंजिनियर हैं  टंडन
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हुआ विश्वकर्मा दिवस 
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
विश्वकर्मा दिवस चंडीगढ़ के विभिन्न संस्थायों द्वारा पूजा अर्चना और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकर्मो का आयोजन किया गया l जिसमे भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया | विश्वकर्मा दिवस को चंडीगढ़ लेबर यूनियन द्वारा सेक्टर 44 में लेबर ग्राउंड में कार्यकर्मों के साथ आयोजित किया गया | लेबर यूनियन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाजपा संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, मेयर देवेश मौदगिल, एस सी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार, उपाध्यक्ष कुंदन बैरवा, मनोज गोहर, जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र, विजय कुमार, इंदिरा, पार्षद चन्द्रावती शुक्ला, अनिल दुबे, हीरा नेगी और कँवर राणा, सुनील चौधरी, मुकेश चनालिया, बबलू, बिडलाना, ओम कैलाश आदि उपस्थित थे | आये हुए गणमान्य व्यक्तियों का यूनियन के प्रधान राम लाल और महामंत्री गोपाल शुक्ला ने पटका भेंट कर सम्मानित किया | उधर पूर्वांचल सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष मुकेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन, महामंत्री प्रेम कौशिक व चन्द्रशेखर, जिला अध्यक्ष पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली, सीनियर डिप्टी मेयर गुरप्रीत सिंह ढिल्लों, डिप्टी मेयर विनोद अग्रवाल, पार्षद जगतार सिंह जग्गा, भरत कुमार, रविकांत शर्मा, देवी सिंह इन्द्रजीत काला, गोपाल शुक्ला, डॉ ओ पी वर्मा, शिलानाथ गुप्ता, आदि उपस्थित थे | आये हुए सभी अतिथियों का संस्था की और से सम्मान किया गया | इस अवसर पर भोजपुरी गायक विनय मिश्रा और अशोक मिश्रा और अन्य कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकर्म में दर्शकों का समय बाँधा और अपनी सुरीली आवाज़ से सभी का मन भाया |  इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण व सृजन का देवता माना जाता है सतयुग का स्वर्ग लोक, त्रेता युग की लंका, द्वापर की द्वारिका और हस्तिनापुर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया। कहा जाता है कि प्राचीन काल में जितनी राजधानियां थी, इन सभी को भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था। इनके अलावा भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शिव का त्रिशूल, यमराज का कालदंड, कर्ण का कुंडल आदि का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया ।
भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है । पुष्पक विमान और सभी देवों के भवन का निर्माण भी उन्होंने ही किया । कहा जाता है कि वह जल पर चल सकने योग्य खड़ाऊ तैयार करने में समर्थ थे । उड़ीसा में स्थित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण भी उन्होंने ही किया । भगवान विश्वकर्मा की आराधना से धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, दुकानों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है । भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ मशीनों, औजारों की सफाई व पूजा की जाती है । भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते समय औजारों पर तिलक लगाकर पूजन करना चाहिए और सभी कारीगर उनकी पुजा करते है । "विशवं कृत्स्नं कर्म व्यापारो वा यस्य सः यानी जिसकी सम्यक् सृष्टि और कर्म व्यपार है वह विशवकर्मा है । प्राचीन काल से ही सृष्टि के रचियिता भगवान विश्वकर्मा के अनुयायी विश्वकर्मावंशी अपने तकनीकि कौशल से के बल पर सम्पूर्ण सृष्टि को रचाने-बसाने में लगे हैं। मानव सभ्यता को नया आयाम देने का कार्य परम्परागत शिल्पकारों ने ही किया, इसमें कोई संदेह नहीं है। स्थानीय राजाओं के साथ-साथ हजारों वर्षों तक भारत में शासन करने वाले विदेशियों ने भी शिल्पकार्य को बढावा दिया। इसलिए हम सभी को उनकी उपासना करनी चाहिए |

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