दुष्यंत ने किया चाचा पर वार : बोले -
विधानसभा में भाजपा की बोली बोलते हैं प्रतिपक्ष नेता
चंडीगढ़
इंडियन नेशनल लोकदल संसदीय दल के नेता दुष्यंत
चौटाला ने पार्टी से अपने निष्कासन को खारिज करते हुए बातों ही बातों में अभय सिंह
चौटाला को जयचंद की संज्ञा दे डाली l निष्कासन को लेकर दुष्यंत चौटाला का इशारा
अभय सिंह चौटाला की तरफ भी हो सकता है । उन्होंने कहा कि इनेलो से निष्कासन का
उन्हें आज तक कोई पत्र नहीं मिला और यदि पत्र मिलता भी है तथा उस पर ओमप्रकाश
चौटाला के साइन होंगे तभी वह मान्य होंगे । हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला पर भी आक्षेप
लगाते हुए कहा कि सदन में भाजपा की भाषा बोली जाती है । उन्होंने यह भी कहा कि
पार्टी की कोई भी रैली होती थी,
उन्हें मंच संचालन की जिम्मेदारी दी जाती थी । दुष्यंत चौटाला ने
पत्रकारों को अपने छोटे दौरान पार्टी दिग्विजय भाई चौटाला को किये जाने की विस्तृत जानकारी दी l
उन्होंने कहा की दिग्विजय ने ऐसी कोई गतिविधि नही की जिससे उन्हें पार्टी से निकले
जाने की बात स्पष्ट होती हो l उन्होंने कहा की चौ. देवीलाल की दिल्ली में जन्मदिन
रैली में नारेबाजी ज़रूर की थी वो सिर्फ जिन्दाबाद
के नारे ही लगाये थे लेकिन इससे उन्हें
पार्टी से निकल दिया जाये कोई कारण नही दिखाई देती l उनका आरोप था कि पार्टी के अन्दर चल रहे षडयंत्र
के चलते परिवार की लड़ाई को बाहर दर्शाया गया है । क्योंकि वह पार्टी हितैषी नहीं
हैं । उनके निष्कासन पत्र पर पार्टी अध्यक्ष के हस्ताक्षर भी ही नहीं हैं । इसलिए
निष्कासन भी अवैध है । वह आज भी इनेलो के सक्रिय कार्यकर्ता हैं । उनका यह भी कहना
है कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला उनके सर्वोपरि हैं । उनका हर फैसला उनके लिए मान्य
होगा । चाहे पार्टी से उन्हें निकाल दिया जाये फिर भी मैं (दुष्यंत) उस फैसले को
सर-आंखों पर लूंगा ।
उन्होंने आगे कहा कि
उनके पिता डा. अजय चौटाला, चौटाला
साहब की देश-प्रदेश की यात्राओं में हमेशा उनके साथ रहते थे । उन्होंने 40 वर्ष तक पार्टी की सेवा की है । चौटाला के कंधों को बड़ी ताकत दी है ।
किन्तु उनके योगदान को भुलाने की कोशिश की गई आगे उनसे पूछे गये एक सवाल के जवाब
में उनका कहना था कि राव इन्दरजीत सिंह के साथ उनकी पुरानी पारिवारिक मित्रता है,
उनके पिता भी दीपावली पर उनसे मिलने जाते थे । इसके अलावा और कोई
राजनीतिक उद्देश्य नहीं था । उन्होंने कहा त्यौहार पर मुलाकात को राजनीतिक रूप
देना ठीक नहीं । प्रकाश सिंह बादल के साथ बातचीत को भी उन्होंने कहा कि बादल उनके
परिवार के सर्वश्रेष्ठ सदस्य हैं । दीवाली के अगले दिन उनसे राम - राम हुई थी ।
उन्होंने भी ओपी चौटाला से फोन पर बातचीत की थी । उनका कहना था कि परिवार की बात
परिवार में ही रहे तो ठीक रहता है । अगली एवं भावी रणनीति के बारे में पूछने पर
उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव
लडूंगा ।
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