थिएटर फॉर
थिएटर के 14th विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल के तेइसवें दिन वर्कशॉप में पहुंचे
रंगकर्मी अभिषेक शर्मा
विनय कुमार
चंडीगढ़
थिएटर फॉर थिएटर के 14th विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल के तेइसवें दिन आयोजित वर्कशॉप
सेशन में मौका था युवा कलाकारों के लिए एक्टिंग टूल्स और सीन वर्क की बारीकियों पर
काम करने का. युवा रंगकर्मी अभिषेक शर्मा जी के नेतृत्व में यह वर्कशॉप आयोजित की
गई,
जिसमें युवा कलाकारों को उनकी रंगमंच से जुड़े सवालों के
जवाब बखूबी मिले l परंपरा आर्ट्स के निर्देशक और डिपार्टमेंट ऑफ इंडियन थिएटर, पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक अभिषेक शर्मा ने जहां कलाकारों
को सीन वर्क और कैरेक्टर बिल्डिंग की जानकारी दी l साथ ही युवाओं को स्क्रिप्ट
पढने के सम्बन्धी सलाह देते हुए कहा कि अभिनेता को टेक्स्ट के साथ साथ उसके अन्दर
छुपे अंदर छुपे सबटेक्स्ट को समझना भी ज़रूरी है. सबटेक्स्ट को तलाशने से अभिनय को
निखारता है l अभिषेक जी ने बताया कि केवल संवादों को पढ़ लेना और याद कर लेना ही
काफी नहीं,
कैरक्टर और कहानी का 'सबटेक्स्ट' यानी उसके पीछे की कहानी जानना भी जरूरी है ,एक कहानी या नाटक में खुद बहुत सी कहानियां होती है, बल्कि हर एक किरदार की अपनी एक कहानी होती है उस पर काम
किये किया जाना बेहद ज़रूरी है | उनके अनुसार
अभिनेता को आँख बंद कर के केवल निर्देश नहीं मानने चाहिए पर निर्देशक से उन
निर्देशों के पीछे के औचित्यों को भी समझना चाहिए ताकी निर्देशक का दृष्टिकोण भी
पता चल सके l वर्कशॉप के दौरान सीन को बेहतर बनाने के गुर सिखाने के लिए
प्रतिभागियों को समूह में बांट कर उन्हें अखबारों से ख़बर पढ़ कर उस पर मौके पर
अभिनय करने का टास्क दिया साथ ही प्रतिभागियों से डिबेट करवाकर उसके निचोड़ के आधार
पर को अभिनय में सुधार के गुर बताए l
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