लावारिस लाशों के दाह संस्कार
करने और गंगा में विसर्जित करने को किया सन्मानित
एन
टी 24 न्यूज़
विनय
कुमार
चण्डीगढ
खाकी
और पुलिस का नाम आते ही दिलो-दिमाग में एक अलग छवि बन जाती है । मगर इस खाकी का एक
अलग रूप भी है । जो पूरे समाज के लिए मिसाल और प्रेरणास्तोत्र है । अनजानो के लिए
मदद करने वाले ऐसे ही एक ही खाकीधारी चंडीगढ़ पुलिस के इंटेलिजेंस विंग में तैनात
एएसआई शाम लाल भी है । जोकि 24
सालों से पंजाब हरियाणा और अन्य राज्यों के
श्मशान घाटों में जाकर लावारिस लाशों के दाह संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को
हरिद्वार में गंगा में विसर्जित करते हैं । उनके इस जज्बे और समाज के प्रति सेवा
भाव को देखकर उन्हें जाने वाले यही कहते हैं कि नाता ना रिश्ता
वर्दी में फरिश्ता । शाम की सेवा भाव देते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने 26 जून
को कोलकाता में हुए एक प्रोग्राम के चलते वेस्ट बंगाल के गवर्नर केसरी नाथ
त्रिपाठी ने एएसआई शामलाल को सम्मानित किया था । चंडीगढ़ से समाज सेवा करने वालों
के मुंबई स्थित एक संस्था ने नाम मांगे थे । चंडीगढ़ से समाज सेवा करने वालों के
कई नाम गए थे । जबकि चंडीगढ़ पुलिस के एएसआई शामलाल को चुनकर कोलकाता में हुए एक
प्रोग्राम में भेजा गया । और यहां उन्हें वेस्ट बंगाल के गवर्नर की तरफ से इस
सराहनीय कार्य के चलते सम्मानित किया गया । ऐसे मिली थी इस काम में प्रेरणा । शामलाल
शर्मा की पत्नी प्रतिभा की डिलीवरी के दौरान 1995 में मौत हो गई
थी। इससे उन्हें गहरा सदमा लगा। इस सदमे में वह दूर रहने के लिए दिन रात जलती
चिताओं को निहारते रहते थे। एक दिन देखा कि कुछ लावारिस अस्थियां पड़ी है। पंडित
के पूछने पर पता चला कि उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है। तब से उन्होंने ठान ली की
वह हर महीने ऐसी अस्थियों को हिंदू रीति रिवाज के साथ हरिद्वार में गंगा में
प्रभावित कर पिंड दान करेंगे। जो भी इस कार्य मे पैसा लगेगा वह खुद अपनी
पॉकेट से लगाएंगे ।
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