प्रदेश में भवनों के नक्शे जमा कराने व स्वीकृत
कराने का नया सिस्टम हुआ ठप्प
- पिछले 17 दिन से एक भी मकान का
नक्शा प्रदेश में ना जमा हुआ और ना ही स्वीकृत हुआ ।
- नक्शा फीस के करोड़ों रूपये की राजस्व की हानि हो चुकी
है व लाखों रूपये रोजाना की राजस्व हानि सरकार को उठानी पड़ रही है ।
-ऑन लाईन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम प्रदेश वासियों
के लिए बना जी का जंजाल ।
- नक्शे बनाने वाले एक भी निजि आर्कीटैक्ट व इन्जिनियर
का रजिस्टे्रशन नहीं हुआ ।
एन टी 24 न्यूज़
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर
चंडीगढ़
ऑन लाईन भवनों के नक्शे
स्वीकृत कराने का नया सिस्टम पिछले 17 दिनों से ठप्प पड़ा है । ये नया सिस्टम
प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन चुका है । शहरी निकाय विभाग का नया सिस्टम
शुरू होने के दिन 19 नवम्बर से आज तक एक भी नक्शा प्रदेश की नगरपालिकाओं, नगर निगमों व परिषदें में जमा ना होने से करोड़ों रूपये की राजस्व हानि
अभी तक हो चुकी है व लाखों रूपये की राजस्व हानि रोजाना उठानी पड़ रही है । नए
सिस्टम के तहत नक्शे बनाने वाले एक भी निजी आर्कीटैक्ट व इन्जिनियरों का
रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया व ना ही टे्रनिंग दी गई । आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी
कपूर ने मुख्यमंत्री
हरियाणा सरकार व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन को ज्ञापन भेजकर ऑन लाईन
बिल्डिंग प्लान अपू्रवल सिस्टम तत्काल सुचारू करने व निजि आर्कीटैक्ट/इन्जिनियर्स
की रजिस्टे्रेशन, टे्रनिंग
कराने की मांग की है । आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि बिना सोचे विचारे नोटबंदी की तर्ज पर
हरियाणा सरकार ने गत 19 नवम्बर से ऑन लाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम प्रदेश भर के सभी
नगर निगमों, परिषदें,
पालिकाओं में लागू कर दिया । पहले जिस वैबसाईट से मकानों के नक्शे
जमा हो रहे थे उसे बंद कर दिया। नतीजतन 17 दिन बीत जाने के बावजूद भी प्रदेश में ना तो किसी
निजि आर्कीटैक्ट का रजिस्टे्रशन हुआ है और ना ट्रेनिंग कार्य हुआ है । सरकार ने
अपने सम्बंधित स्टाफ को भी इस बारे टे्रनिंग नहीं दी । इस नासमझी के परिणाम स्वरूप
पिछले 17 दिन से
पूरे हरियाणा की किसी भी एक नगरपालिका, नगर निगम व नगर
परिषद् में एक भी मकान, भवन का नक्शा पास होना तो दूर,
जमा तक नहीं हो पाया । हरियाणा में 53 नगरपालिकाएं, 10 नगर निगम व 18 नगर परिषद् हैं। प्रदेश भर में अपने भवनों के नक्शे
स्वीकृत कराने के इच्छुक लोग व अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निजि आर्कीटैक्ट व
इन्जिनियर भटक रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। रोजाना लाखों रूपये की राजस्व
हानि सरकार को उठानी पड़ रही है। सरकार कुंभकर्णी नीदं सो रही है। जमीनी हकीकम से
अपरिचित स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन सात दिन में नक्शे स्वीकृत कराने का नया
सिस्टम लागू करने के ढोल मीडिया में पीटकर पल्ला झाड़ लिया । कपूर ने कहा कि सरकार
बताए कि ऐसी क्या एमेरजैंसी आ गई थी जो बिना पूरी तैयारी किए नई व्यवव्स्था लागू
होने के आदेश जारी कर दिए। कपूर ने मांग की जब तक नई व्यवव्स्था सुचारू नहीं होती,
निजि आर्कीटैक्ट व इन्जिनियरों का रजिस्ट्रेशन नहीं होता तब तक
पुरानी वैबसाईट से ही नक्शे ऑन लाईन जमा करने की व्यवस्था की जाए। कपूर ने बताया
कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में तो निजि आर्कीटैक्ट की रजिस्ट्रेशन ऑन लाईन एक
घंटे में हो जाती है। लेकिन हरियाणा में शहरी निकाय विभाग नक्शे बनाने वाले निजि
आर्कीटैक्ट/इन्जिनियरों को धक्के खिला रहा है। ऑन लाईन डॉक्यूमेंट भेजने के बावजूद
भी निजि आर्कीटैक्ट व इन्जिनियरों को चंडीगढ़ तलब करके डॉक्यूमेंट वैरीफाई कराने
की योजना बनाई जा रही है। आरोप लगाया कि यह धक्के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की
नीयत से खिलाए जा रहे हैं । पीपी कपूर, आरटीआई एक्टिविस्ट,
पानीपत, मो०- 87082-72105
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