4 अगस्त रविवार को होगा निरंकारी माता सविन्दर हरदेव जी की स्मृति में विशेष सत्संग कार्यक्रम
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चण्डीगढ़
संत निरंकारी मिशन द्वारा रविवार, 4 अगस्त, 2019 को
निरंकारी माता सविन्दर हरदेव जी की पावन स्मृति में भारत तथा दूर-देशों की ब्रांचों
में विशेष सत्संग कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। जिसमें मिशन के प्रीत-प्यार, शान्ति,
मानव एकता तथा भाईचारे के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए सद्गुरु माता सविन्दर
हरदेव जी महाराज के अमूल्य मार्गदर्शन तथा योगदान को याद करके आपके महान एवम् परोपकारी
जीवन से श्रद्धालु भक्त प्रेरणा प्राप्त करेंगे। इसी लडी में सन्त निरंकारी भवन सैक्टर
30 ए में रविवार 4 अगस्त को सुबह 10 बजे से 12ः30 बजे तक सत्संग किया जाएगा। मुख्य
समागम दिल्ली में सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की पावन अध्यक्षता में सम्पन्न होगा
। माता सविन्दर हरदेव जी 5 अगस्त,
2018 को अपनी जीवन यात्रा सम्पन्न करके ब्रह्मलीन हो गये थे। ब्रह्मलीन होने से पूर्व
16 जुलाई, 2018 को ही उन्होंने अपनी निराकार सद्गुरु की आध्यात्मिक शक्तियाँ वर्तमान
सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज को प्रदान कर दी थीं । बाबा हरदेव ंिसंह जी ने सद्गुरु
रूप में संत निरंकारी मिशन का 36 वर्ष तक मार्गदर्शन एवम् विकास किया इसमें उनकी धर्मपत्नी
माता सविंदर हरदेव जी ने भी उनके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
उन्होंने प्रत्येक निरंकारी भक्त को माता का वात्सल्य प्रदान किया । मई, 2016 में जब
सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी साकार रूप में हम सभी से सदा के लिए दूर हो गए तो सद्गुरु
रूप में मिशन की बागडोर माता सविन्दर हरदेव जी ने सम्भाली। उनका स्वास्थ्य तो काफी
समय से ठीक नहीं था परन्तु, उन्होंने दो वर्षों तक मिशन को आगे बढ़ाने में अपनी अस्वस्थता
को किसी भी प्रकार से बाधा का कारण बनने नहीं दिया। दिल्ली में प्रति वर्ष आयोजित होने
वाले सभी समागमों तथा प्रान्तीय एवं क्षेत्रीय समागमों की शृंखला में अपनी पावन अध्यक्षता
एवम् सानिध्य निरंतर प्रदान करते रहे । इनके अलावा सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज
ने समय-समय पर लम्बी कल्याण यात्राओं द्वारा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडू, कर्नाटक,
महाराष्ट्र, उडीशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़
में साध संगत को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया। इसके अलावा, सद्गुरु माता जी ने अमेरिका,
कनाडा, इग्लैंड, दुबई तथा नेपाल में भी अनेक स्थानों पर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान
किया । सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी ने मानवता को ब्रह्मज्ञान के दिव्य प्रकाश द्वारा
अज्ञानता के अन्धकार से मुक्त करने का निरंतर प्रयास किया। वे चाहते थे कि हर इन्सान
ईश्वर प्रभु परमात्मा को जान ले ताकि उसे न केवल अपने आपका बोध हो जाये बल्कि उसके
अभाव में जाति, धर्म तथा संस्कृति के आधार पर जितने भी भ्रम तथा मतभेद हैं सभी दूर
हो जायें। जैसे ही उन्हें ज्ञात हो जायेगा कि हम सभी एक ही परम् पिता की संतान हैं
तो मानव-मानव के बीच की दूरियां समाप्त हो जायेंगी और सभी प्रकार के मतभेद भी
दूर हो जायेंगे। इसी से मानव भाईचारे की भावनायें सुदृढ़ होंगी तथा संसार भर में शान्ति,
प्रेम एवं सद्भाव का वातावरण स्थापित हो जायेगा । माता सविन्दर हरदेव जी ब्रह्मज्ञान
को कर्म में ढालने पर भी निरंतर बल देते रहे। आपका भक्तों के प्रति आह्वान् था कि प्रभु
को मन-वच-कर्म का आधार बनायें तभी उनके जीवन में प्रेम, नम्रता, सहनशीलता जैसे मानवीय
गुणों की झलक मिलने लगेगी और दूसरों के लिए वे रोशन मीनार बन जायेंगे ।
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