Saturday, 21 September 2019

NT24 News : स्कूल मेनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के लिए बाल अधिकार.......

स्कूल मेनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के लिए बाल अधिकार आयोग चण्डीगढ़ द्वारा आयोजित कपेस्टी बिल्डिंग प्रोग्राम
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चण्डीगढ़
चण्डीगढ़ के सैक्टर 20 के सरकारी कॉलेज में स्कूल मेनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के लिए बाल अधिकार आयोग चण्डीगढ़ द्वारा आयोजित कपेस्टी बिल्डिंग प्रोग्राम में भारतीय जनता पार्टी चण्डीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत में बाल अधिकार आयोग चण्डीगढ़ के चेयरमैन हरजिन्द्र कौर ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्य अतिथि संजय टंडन का स्वागत किया। इसके उपरांत संजय टंडन ने उपस्थित अभिभावकों और स्कूल मेनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण का काम करना अभिभावकों और अध्यापकों के हाथ में हैं। हमें एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए और बच्चों की अलोचना करने से बचना चाहिए। ऐसा करके हम बच्चों के साथ-साथ एक स्वस्थ समाज की सरचना कर पायेंगे। उन्होंने इसके लिए कुछ लघु कहानियों के माध्यम से इसके संदेश बताते हुए कहा कि एक दूसरे के साथ निभाते हुए हमें जीवन में चुनौतियों का एक साथ सामना करना होगा और बच्चों के लिए प्ररेणा के स्रोत बनना होगा। उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी हुई घटना के बारे में बताते हुए कहा कि पंजाबी के काम को कर पाने से उनके दोस्तों ने अध्यापक की डांट से बचने के लिए जब विभिन्न बहानों से अपने अभिभावकों से लिखाकर दिया तो ऐसे में जब उन्होंने अपनी माता जी से ऐसा करने को कहा तो उन्होंने साफ मना कर दिया और कहा कि वे इसके लिए उनका बिल्कुल साथ नहीं देंगी और उस समय मुझे यह शिक्षा मिली कि अपना काम खुद ही करना है। उस दिन की शिक्षा को मैं आज तक निभाता रहा हूँ। यह मेरे लिए जीवन भर तक प्ररेणादायी रहेगा। उन्होंने कहा कि अकसर ऐसा देखा गया है कि बच्चों के अभिभावक उनके सामने अध्यापकों की बुराई करते हैं यह उचित नहीं है। ऐसा करके हम उन्हें उचित संस्कार नहीं दे रहे। हमें इस प्रकार से अध्यापकों की बुराई नहीं करनी चाहिए क्योंकि अध्यापक बच्चों को उनके भले के लिए और अच्छे संस्कार देने के लिए ही काम करते हैं। एक अच्छे समाज के लिए बच्चों, अभिभावकों और अध्यापकों की अहम भूमिका होती है। इसलिए इन तीनों को समय-समय पर एक दूसरे का साथ देते हुए उच्च चरित्र की संस्कृति का परिचय देना चाहिए और समाज के निर्माण का भागीदार बनना चाहिए।


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