हेल्दी लाइफस्टाइल से अल्जाइमर के खतरे
को कम किया जा सकता है: विशेषज्ञ
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
पंचकूला
भारत में 4 मिलियन से अधिक लोग डिमेंशिया (भ्रम या
भूलने) के किसी ना किसे रूप से प्रभावित है। दुनिया भर में कम से कम 44 मिलियन लोग
डिमेंशिया के साथ जी रहे हैं और ये तथ्य इस बीमारी को एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट
बना रहा है, जिसका
समाधान किया जाना चाहिए
।
डॉ अनुराग लांबा, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट ने शनिवार को पंचकूला
स्थित अल्केमिस्ट हॉस्पिटल में वल्र्ड अल्जाइमर दिवस के मौके पर एक हेल्थ टॉक को
संबोधित करते हुए ये बात कही।
उन्होंने कहा कि जीवनशैली में बदलाव करने से
जेनेटिक या प्रदूषण के कारण होने वाले अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है।
यादाश्त के साथ परेशानी विशेष रूप से तत्काल सीखी गई या सुनी गई जानकारी को
याद रखने में कठिनाई अक्सर अल्जाइमर रोग का पहला लक्षण होता है । उन्होंने
आगे बताया कि सभी मेमोरी लॉस अल्जाइमर के कारण नहीं होती हैं। यदि आप या आपके कोई
परिचित मेमोरी या डिमेंशिया के अन्य लक्षणों के साथ समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर
का परामर्श जरूरी है।
कभी-कभी दवा और विटामिन की कमी के दुष्प्रभाव के
कारण यादाश्त कमजोर या चली जाती है,
लेकिन इलाज से वापिस लाया जा सकता है। डॉ
लांबा ने बताया कि मेमोरी लॉस के अलावा,
अल्जाइमर के लक्षणों में शामिल हैं आसानी से
होने वाले कार्यों को पूरा करने में कठिनाई, समस्याओं को हल करने में कठिनाई, मनोदशा या
व्यक्तित्व में परिवर्तन, मित्रों
और परिवार से अलग थलग रहना , अपनी
बात लिखकर या बोलकर रखने में परेशानी ,
स्थानों,
लोगों और घटनाओं के बारे में भ्रम और छवियों को
समझने में समस्या जैसे दृश्य परिवर्तन महसूस करना। उन्होंने आगे
कहा कि हालांकि अल्जाइमर के लिए कोई प्रमाणित इलाज या उपचार नहीं है और अलग अलग
रिसर्च में ये जोर देकर ये सुझाव दिया गया है कि बेहतर आदतों को अपनाना अच्छी
ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देता है और सोचने-समझने की क्षमता में गिरावट संबंधित आपके
जोखिम को कम करता है।
उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि चार या पांच हेल्दी
लाइफस्टाइल की आदतों को एक साथ अपनाने से आपके मस्तिष्क के लिए इस तरह का लाभ
अविश्वसनीय रूप से लाभदायक हो सकता है और अल्जाइमर के डिमेंशिया का जोखिम 60 प्रतिशत तक कम
हो सकता है। जिस
दर पर रोग बढ़ता है, वह
सभी के लिए अलग-अलग होता है, लेकिन
औसतन,अल्जाइमर
के लक्षणों के शुरू होने के बाद मरीज 8-12
साल तक जीवित रहते हैं। हेल्दी
लाइफस्टाइल अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि हेल्दी लाइफस्टाइल डिमेंशिया
के लिए जेनेटिक जोखिम का मुकाबला कर सकती है क्योंकि आनुवंशिक कारकों को अल्जाइमर
रोग के जोखिम को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। शारीरिक और मानसिक व्यायाम
से हम वायु प्रदूषण से मस्तिष्क को होने वाली हानि को कम कर सकते हैं!
क्योकि अधिक वायु प्रदूषण वाले स्थानों में रहने से अल्जाइमर का खतरा
बढ़ जाता है और मस्तिष्क सिकुड़ जाता है! उन्होंने कहा कि इसी तरह
अधिक धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में अल्जाइमर होने की
संभावना 1.5 से
2.2 गुना
अधिक हो जाती है! उन्होंने अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए 5 चीजों को अपनाने
की सलाह दी : 1. हेल्दी और बेहतर खानपान 2. कम से कम 150 मिनट
/ सप्ताह मध्यम से जोरदार शारीरिक गतिविधि 3.
धूम्रपान से परहेज 4. शराब का सेवन कम करना 5. संज्ञानात्मक
तौर जोश भरी गतिविधियों में संलग्न होना ।
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