पंजाब में खनिज नीति पर नहीं बन पा रही आमरायखनिज व्यापार सरकार के हाथ में लेने पर मतभेद
विनय कुमार
चंडीगढ
15 मई,
2018
पंजाब की
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार नई खनिज नीति बनाना चाहती है
लेकिन इस पर आम राय नहीं बन पा रही है। राज्य सरकार ने खनिज नीति का मसौदा तैयार
करने के लिए शहरी निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू की अगुवाई में केबिनेट सब कमेटी का गठन
किया था । इस सब कमेटी ने हाल में अपना मसौदा सरकार को सौंप दिया है लेकिन इस पर
मतभेद बने हुए है । मसौदे में राज्य खनिज विकास निगम के गठन का प्रस्ताव किया गया
है और खनिज व्यापार सरकार के हाथ में रखने को कहा गया है। खनिज व्यापार सरकार के
हाथ में लेने के मुद्दे पर मतभेद बने हुए है।
हालांकि खनिज दरें सरकार के नियंत्रण में रखने पर सहमति बनी है।
सब कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अभी पेश किया गया मसौदा सिद्धू की अपनी राय है।
अभी कई ऐसे मुद्दे है जिन पर गहराई से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। सब कमेटी के
सभी सदस्यों के सुझाव शामिल करने की जरूरत है। इसे सामूहिक प्रयास का रूप देना
होगा।
सिद्धू द्वारा सौंपे गए मसौदे में समूचा खनन कार्य सरकार के हाथ में लेने का प्रस्ताव किया गया है। लेकिन खान मंत्री सुखबिंदर सरकारिया के अनुसार सरकार समूचा खान व्यापार एक साथ अपने हाथ में नहीं ले सकती। प्रारम्भ में पांच ही खानों का आॅपरेशन हाथ में लेने का प्रस्ताव किया गया है। सब कमेटी के अन्य सदस्य सिद्धू द्वारा मसौदे में शामिल किए गए वित्तीय आकलन की प्रमाणिकता पर भी सवाल उठा रहे है। सिद्धू ने अपने मसौदे में कहा है कि यदि यह नीति स्वीकार की गई तो सरकार को 5000 करोड सालाना की आय होगी। अन्य मंत्री इस दावे को खारिज कर रहे है।
सिद्धू द्वारा सौंपे गए मसौदे में समूचा खनन कार्य सरकार के हाथ में लेने का प्रस्ताव किया गया है। लेकिन खान मंत्री सुखबिंदर सरकारिया के अनुसार सरकार समूचा खान व्यापार एक साथ अपने हाथ में नहीं ले सकती। प्रारम्भ में पांच ही खानों का आॅपरेशन हाथ में लेने का प्रस्ताव किया गया है। सब कमेटी के अन्य सदस्य सिद्धू द्वारा मसौदे में शामिल किए गए वित्तीय आकलन की प्रमाणिकता पर भी सवाल उठा रहे है। सिद्धू ने अपने मसौदे में कहा है कि यदि यह नीति स्वीकार की गई तो सरकार को 5000 करोड सालाना की आय होगी। अन्य मंत्री इस दावे को खारिज कर रहे है।
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