प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सरकार
को भेजा प्रोपोजल; पीटीए, पैट, पैरा की तर्ज पर मिलेगी राहत
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
शिमला / चंडीगढ़
कोविड के इस संकटकाल में शिक्षकों को बड़ी राहत सरकार
दे रही है। पीटीए,
पैट, पैरा के बाद अब ग्रामीण विद्या उपासक के
तहत भर्ती किए गए शिक्षकों को रेगुलर करने का मूड़ सरकार ने बना दिया है। जानकारी
के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में सेवाएं देने वाले ग्रामीण
विद्या उपासकों में जो शिक्षक रेगुलर नहीं हुए हैं, उनके हक
में सरकार को प्रोपोजल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि 2001
में भर्ती किए गए इन शिक्षकों में केवल 140 ही ग्रामीण
विद्या उपासक बचे हैं, जिन्हें
एक पॉलिसी के तहत सरकार बड़ी राहत दे सकती है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में जो
ग्रामीण विद्या उपासक हैं, वे
सभी पैट शिक्षकों की तरह ही कार्य करते हैं। ऐसे में ये शिक्षक लंबे समय से
नियमितीकरण की राह देख रहे हैं। फिलहाल बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने
प्रोपोजल सरकार के वित्त विभाग को भेज दिया है। वहीं इस मामले पर कैबिनेट में
मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, वहीं सरकार ही इस बाबत नियमितीकरण
को लेकर मंजूरी देगी। गौर हो कि प्रदेश में पीटीए,
पैट, पैरा को लेकर भी नियमित करने का मामला 10 से 15 सालों से लटका हुआ था। सुप्रीम कोर्ट से राहत
मिलने के बाद भी शिक्षा विभाग व सरकार के पास लंबे समय तक मामला फंसा रहा। हालांकि
अब पीटीए, पैट, पैरा को रेगुलर करने के
लिए सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। विभागीय जानकारी के बाद जल्द ही पीटीए,
पैरा, पैट के रेगुलर होने की अधिसूचना शिक्षा
विभाग अधिकारिक रूप से जारी कर देगा। यही वजह है कि अब सरकारी स्कूलों में जो
थोड़े बहुत ग्रामीण विद्या उपासक बचे हैं, वे भी सरकार से
जल्द पैट की तर्ज पर नियमित करने की मांग उठा रहे हैं।
सीजीएस योजना के तहत हुई थी
भर्ती
प्रदेश में 20 साल पहले वर्तमान सरकार
ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सीजीएस योजना के तहत शिक्षकों
की भर्तियां की थीं, बाद में सरकार ने उन्हें ग्रामीण विद्या
उपासक में कनवर्ट कर लगभग सभी शिक्षकों को जेबीटी में मर्ज कर रेगुलर कर दिया था।
हालांकि इस बीच ग्रामीण विद्या उपासक की एक छोटी टुकड़ी शिक्षकों की बची है,
जो लंबे समय से रेगुलर होने की आस सरकार से लगाए हुए है।
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