Monday, 6 July 2020

NT2 News : सेब सीजन हुआ शुरू, और सरकार की तैयारियां अधूरी......

सेब सीजन हुआ शुरू, और सरकार की तैयारियां अधूरी
बागबानों को पैकेजिंग सामग्री सहित लेबर मुहैया करवाने को उठाई आवाज
एन टी 24 न्यूज़ 
विनय कुमार शर्मा 
शिमला / चंडीगढ़ 
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रदेश सरकार की अभी तक सेब व अन्य फलों के सीजन को लेकर की गई आधी-अधूरी तैयारियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। माकपा ने मांग उठाई है कि सेब व अन्य फलों के सीजन को देखते हुए इसकी तैयारियों के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं, ताकि बागबानों को मजदूरों, पैकेजिंग सामग्री, मालवाहक वाहनों  की कमी से न जूझना पड़े। राज्य में सेब व अन्य फलों का सीजन आरंभ हो गया है और आगामी 10 से 15 दिनों में निचली व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह पूरा जोर पकड़ लेगा। पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा  कोविड-19 के चलते पैदा हुई विषम परिस्थितियों के कारण प्रदेश में मजदूरों, पैकेजिंग सामग्री व अन्य साधनों की बड़े पैमाने पर कमी देखी जा रही है। इसके साथ ही सरकार द्वारा हाल ही में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि से महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में ट्रकों व अन्य मालवाहकों के भाड़े में भी 20 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी गई है। बाज़ार में पैकेजिंग सामग्री भी 10 से 20 प्रतिशत तक महंगे दामों पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि  कोविड-19 व प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश में सेब व अन्य फल उत्पादक पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं जैसे असमायिक वर्षा व ओलावृष्टि से पहले ही सेब व अन्य फलों की लगभग 65 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। संजय चौहान ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश का किसान व बागबान मजदूरों की कमी को लेकर अत्यंत चिंतित है और यदि समय रहते मजदूरों का प्रबंध नहीं किया गया तो बागबान अपना उत्पाद बागीचों से मंडियों तक नहीं पहुंचा पाएंगे। 60 प्रतिशत नेपाली मज़दूर इस कार्य को करते हैं, लेकिन कोविड-19 व नेपाल से सीमा विवाद के कारण इस वर्ष ये मजदूर नहीं आ पाए हैं। बागबानों के लिए मजदूरों का इंतजाम करेंl माकपा ने राज्य सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश में मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए तुरंत केंद्र सरकार से बात कर नेपाल व अन्य राज्यों से मजदूरों को लाने के लिए तुरंत ठोस क़दम उठाए जाएं व पैकेजिंग सामग्री व ट्रकों और अन्य साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही सरकार किसानों व बागबानों को राहत प्रदान करें

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