एचआरटीसी कर्मियों को नहीं मिली पगार, मुलाजिमों
में निराशा, निगम को हर रोज हो रहा चार-पांच लाख का घाटा
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
शिमला/ चंडीगढ़
एचआरटीसी कर्मचारियों
को इस महीने भी तनख्वाह के लाले हैं। अभी तक इन कर्मचारियों को प्रबंधन जून महीने
का वेतन नहीं दे पाया है। पिछले तीन महीनों से कमोवेश यही स्थिति चलती आ रही है,
जिससे इस बार भी एचआरटीसी के कर्मचारी दो-चार हो रहे हैं। लॉकडाउन में
बसें चलाने के बावजूद परिवहन निगम की मुश्किलें जस की तस हैं। निगम के पास
कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए पैसा नहीं है। धनाभाव व बढ़ते घाटे की वजह
से निगम अपने कर्मचारियों को जून माह के वेतन का भुगतान नहीं कर सका है।
कर्मचारियों को 11 जुलाई से पहले वेतन का भुगतान कर दिया
जाएगा, ऐसा निगम के अधिकारियों का कहना है। हिमाचल पथ परिवहन
निगम लगातार घाटे में है। गत माली साल में निगम को 165 करोड़
का घाटा हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष के घाटे का पूरा ब्यौरा साल के अंत तक ही
सामने आएगा, मगर कोरोना संकटकाल ने निगम की मुश्किलों को और
बढ़ाया है। कोविड-19 महामारी के दौरा में पहले निगम की 3200
बसें सड़कों पर खड़ी रहीं। निगम का प्रति किलो मीटर बस चलाने का
खर्च 27 रुपए है। खर्च के मुकाबले आमदन सिर्फ 22 रुपए प्रति किलो मीटर हो रही है। लगातार बढ़ते घाटे की वजह निगम खर्चों को
पूरा करने के लिए सरकार से मिलने वाली करीब 270 करोड़ की
इक्विटी पर आश्रित है। साथ ही सरकार ने निगम को इस साल
64 करोड़ का पूंजीगत अनुदान देना भी मंजूर किया है। इक्विटी
में से करीब 117 करोड़ की रकम निगम को सरकार को दो किश्तों
में दे चुकी हैl निगम के प्रबंध निदेशक यूनूस का कहना है कि 11 जुलाई से पहले वेतन की अदायगी कर दी जाएगी। अभी वित्त प्रबंधन सही तरह से
नहीं चल पा रहा है। सरकार से इक्विटी शेयर लेकर वेतन की अदायगी हो रही है।
कर्मचारियों में वेतन नहीं मिलने से खासी नाराजगी है।
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