Friday, 6 August 2021

NT24 News : शहर में अपार्टमेंट एक्ट लागू करवाने के लिए हस्ताक्षर....

शहर में अपार्टमेंट एक्ट लागू करवाने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड़ा प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन ने

एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल गुप्ता की अगुआई में स्टिकर बाँट कर जागरूक भी किया जनता को

एन टी 24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चण्डीगढ़

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन, चण्डीगढ़ ने शहर में अपार्टमेंट एक्ट लागू करवाने के लिए आज सेक्टर 17 में डीसी कार्यालय के आगे एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल गुप्ता की अगुआई में हस्ताक्षर अभियान छेड़ा व स्टिकर बाँट कर जनता को जागरूक भी किया। एसोसिएशन के चीफ मीडिया एडवाइजर  विक्रम चोपड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था के सदस्यों ने अपने वाहनों व कार्यालयों के साथ-साथ यहां आये हुए लोगों की सहमति से उनके वाहनों पर व दुकानों के बाहर ये स्टिकर लगाए। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन, चण्डीगढ़ के इस अभियान को आम जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला व उन्होंने बढ़-चढ़ कर इसमें शिरकत की एवं हस्ताक्षर  किये। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव  जतिंदर सिंह, चेयरमैन तरलोचन सिंह बिट्टू, वाईस चेयरमैन सुनील कुमार व वित्त सचिव मनप्रीत सिंह भी जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए जुटे रहे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि जब बॉयज हॉस्टल को माउंटव्यू होटल में तब्दील किया जा सकता है व टैगोर थिएटर का हुलिया आमूल-चूल बदला जा सकता है तो प्रशासन को आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रख कर पॉलिसी तैयार करने में क्या दिक्कत है?उल्लेखनीय है कि सेक्टर-10, चण्डीगढ़ की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में फ्लोर वाइज परसेंटेज सेल के खिलाफ याचिका दायर की हुई है। उसके मुताबिक शहर में अपार्टमेंट एक्ट लागू नहीं है जबकि प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ का कहना है कि अपार्टमेंट एक्ट लागू करना समय की जरूरत है। उनके मुताबिक परसेंटेज सेल आज की तारीख में बेहद जरूरी है क्योंकि किसी भी परिवार के सदस्य को बंटवारे में जो प्रतिशत सेल प्रॉपर्टी मिली है, वे उसे प्रतिशत सेल में ही बेच सकता है। वह जितने शेयर का मालिक है वो उतना ही शेयर बेच सकता है उससे ज़्यादा नहीं। रिसेल में परसेंटेज सेल परचेस की है तो वो भी परसेंटेज सेल परचेस ही बेचेगा। एसोसिएशन के मुताबिक यदि 10 मरले का 3 मंजिला घर, जिनमें 3 फैमिली रहती हैं और उसमें भी ऊपर की मंजिल में किराएदार रह रहा है या मालिक रह रहा है तो जन-सुविधाओं में उससे क्या फर्क पड़ता है।  

 

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