एमसीएम में
आयोजित स्वर्ण जयंती महोत्सव
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
एसीएम डीएवी कॉलेज फॉर
वीमेन की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह "स्वर्ण जयंती
महोत्सव" पर पदमश्री अलंकृत माननीय डॉ पूनम सूरी जी, अध्यक्ष, डीएवी कॉलेज मैनेजिंग
कमेटी मुख्य अतिथि के रूप में सुशोभित हुए। उनकी
पत्नी श्रीमती मनी सूरी ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई। अन्य गणमान्य अतिथियों में डीएवी कॉलेज
मैनेजिंग कमेटी के उपाध्यक्ष श्री राजिंदर नाथ जी, श्री रमेश आर्या जी, डीएवी कॉलेज मैनेजिंग
कमेटी के अध्यक्ष के सलाहकार एवं सीनियर गर्वर्निंग बॉडी मेंबर श्री एच आर गांधार, डायरेक्टर कॉलेजेज डॉ
सतीश शर्मा, ओएसडी टू प्रेजिडेंट डॉ बी सी जोसन, एमेरिटस प्रोफ़ेसर, पंजाब इंजीनियरिंग
कॉलेज प्रो अरुण ग्रोवर, पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व वाईस चांसलर प्रो आर सी सोबती, पूर्व डी जी पी हरयाणा, श्री बी एस संधू, पंजाब यूनिवर्सिटी के
कंट्रोलर ऑफ़ एग्जामिनेशन प्रो परविंदर सिंह, पंजाब यूनिवर्सिटी के
सीनियर सीनेट के मेंबर श्री गुरदीप शर्मा माई भागो इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्म्ड
फोर्सेस प्रेपरटरी इंस्टिट्यूट मोहाली के डायरेक्टर मेजर जनरल आई
पी सिंह, डीएवी
यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ सुषमा आर्या एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री राजन
गुप्ता, पंजाब
यूनिवर्सिटी के सीनेट एवं सिंडिकेट के सदस्य, डीएवी के रीजनल
डायरेक्टर्स, क्षेत्र के विभिन्न कॉलेजों एवं स्कूलों के प्रिंसिपल्स एवं आर्य समाज
के सदस्यगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे । इस भव्य समारोह का प्रारम्भ डीएवी एंथम एवं
गायत्री मंत्रोच्चारण के शुभ सन्देश से प्रारम्भ हुआ। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने कॉलेज के इस सत्र की अन्यतम
उपलब्धियों से अतिथियों का परिचय करवाया। तत्पश्चात
मुख्य अतिथि के कर कमलों से हैप्पीनेस एन इटर्नल क्वेस्ट ऑफ़ बींग पुस्तक का विमोचन
हुआ। इस पुस्तक की मुख्य सम्पादिका डॉ निशा भार्गव
एवं सम्पादिका मंडल में डॉ सुनैना जैन एवं सुश्री प्रकृति रंजन थी । मुख्य अतिथि
ने अपने प्रेरक सम्बोधन में कहा कि एमसीएम से पढ़कर निकली हर छात्रा जहाँ भी जाए उस
क्षेत्र को स्वर्ण बना दे। उन्होंने महान क्रिकेटर
कपिल देव के शब्दों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि एमसीएम दा
जवाब नहीं। उन्होंने एमसीएम की फाउंडर प्रिंसिपल
श्रीमती शकुंतला रॉय की लगन एवं परिश्रम का स्मरण कर उन्हें इस कॉलेज के निर्माण
का श्रेय दिया। अनुशासन और कॉलेज के वातावरण को
सुरक्षित बनाने के लिए उन्होंने श्रीमती स्नेह महाजन की महत्वपूर्ण भूमिका को
सराहा। बाद में डॉ पुनीत बेदी एवं सम्प्रति डॉ निशा
भार्गव ने शैक्षिक उपलब्धियों को सर्वोपरि स्थान दिलाया। उन्होने प्रसन्नता पर अपने वक्तव्य में कहा की दिल से निकली प्रसन्नता
ही असली प्रसन्नता है। इसी जीवन में इस प्राप्त
किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड
यूनिवर्सिटी में ७० सालों से प्रसन्नता विषय पर शोध चल रहा है। प्रसन्नता एक सहज, स्वाभाविक स्थिति है इसके लिए इच्छशक्ति होना आवशयक है। दुखी होकर आप ईश्वर के बनाये नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
ईश्वर की बात तो करते है पर उसे वास्तविक समझते नहीं।
अपने व्यक्तिगत शांत समय में ईशवर से मिले का समय निर्धारित करें
उसके लिए इधर उधर न ढूंढें। सकारात्मक चिंतन ही प्रसन्नता का मूलाधार है अपनी
इच्छाओं , आकांक्षाओं को सीमित
करें। किसी और को ख़ुशी दो तो ख़ुशी मिलेगी । इसके
पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बहुरंगी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मन्त्र
मुग्ध कर दिया। सर्वप्रथम ऑर्केस्ट्रा के अद्भुत
सामंजस्य ने मन मोह लिया। समूह गान के स्वरों में
भी सभी श्रोता बहे चले गए। अफगानी नृत्य ने
अफगानिस्तान की झांकी सजीव कर डाली। सृजन विषय पर
आधारित एक विशाल सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। अंत
में गिद्धा के धमान और पंजाबी लोक गीत की धमक ने समाहार को एक अलग हे दुनिया में
पहुंचा दिया। माननीय डॉ पूनम सूरी जी ने कॉलेज में
बन रहे नए ऑफिस ब्लॉक एवं ऑडिटोरियम की वेद स्थापना भी की । कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ
निशा भार्गव ने आये हुए अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि एमसीएम संस्था के
50 साल पूरे होना एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा
की यह संस्था आगे भी अपनी उपलब्धियों को पार कर नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए
निरंतर्य प्रयासरत है ।
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