Sunday 17 February 2019

NT24 News : थिएटर फॉर थिएटर द्वारा आयोजित रूबरू कार्यक्रम में पहुंची कंचन गुप्ता.............


थिएटर फॉर थिएटर द्वारा आयोजित रूबरू कार्यक्रम में पहुंची कंचन गुप्ता
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
सेक्टर 23 बाल भवन के प्रांगन में हो रहे थिएटर फॉर थिएटर द्वारा आयोजित 14th विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल के 19 वें दिन का रूबरू कार्यक्रम चंडीगढ़ के कला प्रेमियों के लिए उस समय यादगार बन गया जब मुंबई से आई अनुभवी रंगकर्मी और थिएटर आर्टिस्ट श्रीमती कंचन गुप्ता जी ने अपने जीवन के अनुभवों की लंबी फ़ेहरिस्त उनके सामने रखी, कोई भी किरदार छोटा या बड़ा नहीं होता, किरदार की लेंग्थ से नहीं बल्कि उस किरदार से प्यार करो, हर किरदार की कहानी में अपनी अहमियत होती है स्टार भारत पर प्रसारित होने वाले टी वी सीरियल क्या हाल मिस्टर पांचालसे घर घर में प्रसिद्ध हुई कुंतीयानि फाजिल्का की पंजाबी कुड़ी कंचन गुप्ता l शिमला में जन्मी और फाजिल्का में पली बड़ी कंचन जी एक अडॉपटीड चाइल्ड थी जिस के बावजूद उनके माता पिता जिन्होंने उन्हें अडॉप्ट किया था, उन्होंने उनके पालन पोषण में कोई कमी नहीं आने दी. बतौर कंचन जी उनका फाजिल्का से चंडीगढ़ सिर्फ पढाई के लिए आना हुआ था l पढाई के बाद नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात अपने जीवनसाथी से हुई जिन्होंने पति से ज्यादा एक दोस्त की भूमिका निभाते हुए उनका कदम कदम पर साथ दिया l कंचन जी के मुताबिक उनका एक्टिंग में आने का कोई इरादा नहीं था वो सिर्फ एक समाज सेवी बनना चाहती थी l अकसर नौकरी का बाद घर में वक़्त गुज़ारना मुश्किल था और बाकी समय बच्चों की परवरिश में निकल जाता था l अपने लिए रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी में कुछ करना चाहती थी l इसी दौरान उनकी मुलाकात स्थानीय प्रोडक्शन मेनेजर रविंदर विर्क जी अपनी बहन के लिए एक मोडलिंग असाइनमेंट के दौरान हुई, जिन्होंने उन्हें उस दौरान के चर्चित सीरियल कर्मावालीमें एक छोटा सा किरदार करने के लिए प्रेरित किया. कर्मावाली के ही सेट पर उनकी मुलाकात दिग्गज अदाकारा अनीता शब्दिश जी से हुई, जिन्होंने उन्हें थिएटर से जुड़ने की सलाह दी l उनके रंगमंच की शुरुआत दिग्गज रंगकर्मी सुदेश शर्मा जी के साथ बलवंत गार्गी द्वारा लिखित नाटक लोहा-कुटसे हुई जहाँ पर उनका किरदार सिर्फ एक हंसोड़का था और उन्हें उसमे भी उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा पर सुदेश शर्मा जी ने उनका हौंसला डगमगाने नहीं दिया और जब उन्होंने अगले दिन सभी स्थानीय अख़बारों में अपनी तस्वीरें और किरदार की वाह वाही देखी तो उनका हौंसला सातवें आसमान पर था. बस फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बहुर से सशक्त किरदार निभाकर अपने अभिनय का लोहा मनवाया. इसी बीच सुदेश शर्मा जी के कहने पर ही उन्होंने फेदर कैप्सनामक कास्टिंग कंपनी शुरू की जो की शुरूआती दौर में ही क्या हाल मिस्टर पंचालकी कास्टिंग कर रही थी और कास्टिंग डायरेक्टर स्वयं वो खुद और उनकी बेटी थी. देश भर में हज़ारों ऑडीशन किये गए परन्तु किरदार के मुताबिक चेहरा नहीं मिल पा रहा था तो धारावाहिक के निर्देशन ने कंचन जी को खुद ऑडीशन देने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने हिमानी शिवपुरी जैसे अनुभवी कलाकारों की पीछे छोड़ते हुए कुंतीका किरदार हासिल किया l  

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