अनूप ने करवाया युवा कलाकारों को अभिनय के विभिन्न पहलुओं
से अवगत
विनय कुमार
चंडीगढ़
“
एक्टिंग हर कोई इंसान कर रहा है पर एक्टर हर इंसान नहीं है, सच्चाई का
भ्रम ही एक्टिंग है ”
शनिवार को आयोजित एक्टिंग वर्कशॉप में श्री अनूप शर्मा ने युवाओं को अभिनय की
कुछ ऐसी ही बारीकियां बताई. यह वर्कशॉप बाल भवन सेक्टर 23 में 30 दिवसीय विंटर
नेशनल थिएटर फेस्टिवल में आयोजित की गई l वर्कशॉप में 2001 में पंजाब
यूनिवर्सिटी के थिएटर डिपार्टमेंट से प्रक्शिक्षित गोल्ड मेडलिस्ट अनूप ने युवा
कलाकारों को अभिनय के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाते हुए कहा कि अभिनय की फील्ड
आसान नहीं है ये बात ज़ेहन में बिठा लीजिये इसलिए एक अभिनेता को अपने क्राफ्ट पर
बहुत मेहनत करने की आवश्यकता होती है l मूल रूप से अंबाला के नज़दीक ग्राम उगाला
के निवासी अनूप जी अभिनय की तरफ अपने झुकाव को पिछले जनम का सबंध मानते है. सिनेमा
और रंगमंच के क्षेत्र में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले अनूप शर्मा जी ने
प्रसिद्ध गीतकार गुलज़ार जी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि “जितने प्रश्न
है सारे सच्चे है पर सारे जवाब झूठे है”
इसलिए किसी भी कलाकार को खुद से प्रश्न पूछते रहना चाहिए और उसके जवाब ढूँढने
का प्रयास करते रहना चाहिए l रामचरितमानस में से अभिनय की परिभाषा
बताते हुए अनूप जी ने कहा अभिनय में एकाग्रता के महत्व सर्वोपरि है और अभिनेता को
हर उस चीज़ पर कंसन्ट्रेट करना चाहिए को उसके अभिनय से सम्बंधित है. अगर आप
एकाग्रता कमाओगे तो एकाग्रता आपके लिए कमाएगी l युवाओं के
एक्टिंग से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देते हुए अनूप जी ने वॉइस और स्पीच को अभिनय
का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि वह किसी भी अभिनेता की ताकत है और उसे सहेजना
एक्टर का धर्म. अभिनेता की शरीर और दिमाग की तुलना कंप्यूटर से करते हुए अनूप जी
ने कहा जो इसमें डालोगे वही बाहर आएगा इसलिए एक्टिंग से संबंधित सामान इसमें
निरंतर डालते रहना चाहिए. साथ
अनूप जी ने युवाओ को अपनी स्पीच सुधारने के लिए निरंतर साहित्य पढ़ने और ज़हीन लीगो
को सुनने की सलाह दी. रिलैक्सेशन को अभिनेता का ब्रह्मास्त्र बताते हुए अनूप जी ने
कहा निरंतर मैडिटेशन और रिलैक्सेशन अभिनेता की परफॉर्मेंस को सुधारने में अहम
किरदार अदा करती है l
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