थिएटर फॉर
थिएटर 14th विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल में रूबरू हुए अतुल शर्मा
थिएटर को सर्वोपरि
मान कर म्यूजिक देता हूँ : अतुल शर्मा
विनय कुमार
चंडीगढ़
सेक्टर 23 बाल भवन के प्रांगन में
हो रहे थिएटर फॉर थिएटर द्वारा आयोजित 14th विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल के 20 वें दिन का रूबरू
कार्यक्रम चंडीगढ़ के संगीत प्रेमियों के लिए उस समय यादगार बन गया जब 1980 से
बतौर संगीतकार पंजाबी इंडस्ट्री में काम कर रहे जाने माने संगीत दिग्गज अतुल शर्मा
जी ने अपने जीवन के अनुभवों की लंबी फ़ेहरिस्त उनके सामने रखी और युवाओं के सामने
अपने लगभग चार दशक के संगीत का सफ़र को साझा किया l उनके अनुभव साझा करने का माध्यम
बने पंजाब के दिग्गज लेखक आतमजीत जी, जिनके लिखे हुए अनेकों नाटकों को अतुल जी ने संगीत से सजाया
है l उनके मुताबिक किसी भी थिएटर निर्देशक के साथ साथ काम करते वक्त वह थिएटर को सर्वोपरि
मान कर म्यूजिक देते हैं l उनके अनुसार म्यूजिक भी स्क्रिप्ट का एक हिस्सा ही होता
है l शायद इसी सोच की वजह से वह कहानी के साथ संगीत को जोड़कर न्याय कर पाते हैं
और यही वजह है कि वह रंगमंच में संगीत देते वक्त उससे मिलने वाली धनराशि की ओर
ध्यान नहीं देते सिर्फ अपने आनंद के लिए करते हैं l बकौल अतुल शर्मा जी पहले के
संगीतकार और गीतकार म्यूजिक की शुद्धता पर बहुत गौर करते थे परंतु आज इंडस्ट्री
बहुत तेज भाग रही है युवा जल्दी कामयाबी के चक्कर में शुद्धता खोते जा रहे हैं
इसलिए शायद संगीत का स्तर गिरा भी है l युवाओं को सलाह देते हुए अतुल जी ने कहा की हमें
हमेशा सीखने की भूख होनी चाहिए l
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