Tuesday 9 April 2019

NT24 News : स्कूल देना चाहते हैं गरीबों को शिक्षा, खट्टर सरकार नहीं दे रही गरीबों का हक : कुलभूषण शर्मा

स्कूल देना चाहते हैं गरीबों को शिक्षा, खट्टर सरकार नहीं दे रही गरीबों का हक : कुलभूषण शर्मा
6 सालों से स्कूल 134ए के तहत गरीबों को देने में लगे शिक्षा, लेकिन सरकार ने एक बार भी नहीं दी रिइंबसमेंट, जतना को करना होगा फैसला, गरीबों की शिक्षा विरोधी स्कूल या फिर खट्टर सरकार
स्कूल फेडरेशन का एलान, जब तक 134ए के तहत गरीब बच्चों को जन धन खाते में सरकार कम से कम 5000 रुपए जमा करवाए, जब तक सरकार नहीं लेती फैसला, तब तक कोई भी स्कूल इस साल रूल के तहत नहीं देगा एडमिशन
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़ ।
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं नेशनल इंडिपेंडेट स्कूल एलाइंस (निसा) के राष्ट्रिय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि खट्टर सरकार गरीबों को उनका हक देने को तैयार नहीं। ये ही कारण है कि इस साल स्कूल संचालकों ने फैसला लिया है कि इस साल कोई भी स्कूल 134ए के तहत किसी भी गरीब बच्चे को मुफ्त एडमिशन नहीं देगा। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल संचालक गरीबों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन खट्टर सरकार की नीति व नियम गरीब विरोधी है, ये ही कारण है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है गरीब बच्चों को पढ़ाने की एवज में दी जाने वाली रिइंबसमेंट को नहीं दी गई। जिसका सीधा मतलब यह है कि सरकार गरीबों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश कर रही है और बदनाम निजी स्कूलों को करती है । कुलभूषण शर्मा चंडीगढ़ के निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । 
अब आपकी खबर होगी youtube चैनल पर भी
अपनी खबर को देखने के लिए press करें न्यूज़ लिंक


“ एन टी 24 न्यूज़ आपका आपने पसंदीदा न्यूज़ चैनल
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन लगातार मांग उठाती रही है कि सरकार बच्चों व उनके परिवारों के खोले गए जन धन खातों में सीधा कैश जमा करवाए, ताकि बच्चे हक के साथ अपने स्कूल का चुनाव कर सके। पिछले 6 सालों से निजी स्कूल संचालक 134ए के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त पढ़ा रहे हैं। एसोसिएशन लगातार यह सवाल उठाती आई है कि सरकार ने यदि इन बच्चों को कैश वाउचर नही दिया तो निश्चिततौर पर आने वाले सालों में इनकी पढ़ाई पर आने वाले खर्च का बोझ उन 90 प्रतिशत बच्चों के अभिभावकों पर पड़ेगा, जो उन स्कूलों में पढ़ते हैं। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गरीबों बच्चों को मुफ्त पढ़ाने की वाहवाही तो खट्टर सरकार लूटना चाहती है और उनको पढ़ाने पर आने वाले खर्च को निजी स्कूलों और उन स्कूलों में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के अभिभावकों से वसूला चाहती है। ये ही कारण है कि इस सत्र से निजी स्कूल संचालकों ने फैसला लिया कि जब तक सरकार गरीबों बच्चों व उनके अभिभावकों के एकाउंट में कैश जमा नहीं करवाती, तब तक वह 134ए के तहत एक भी बच्चे को एडमिशन नहीं देगा । खट्टर सरकार नहीं दे रही स्कूलों का 500 करोड़: कुलभूषण शर्मा कुलभूषण शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में चलने वाले निजी स्कूल संचालकों में 134ए के तहत करीब 1 लाख बच्चे मुफ्त शिक्षा हासिल कर रहे हैं। आरटीई नियम के तहत सरकार की जिम्मेदारी है कि वह निजी स्कूल संचालकों द्वारा मुफ्त पढ़ाने जाने वाले बच्चों को सरकारी स्कूलों में खर्च होने वाले प्रति बच्चा खर्च रिइंबसमेंट के तौर पर दे, लेकिन खट्टर सरकार ने चार सालों में एक बार भी निजी स्कूलों को कोई रिइंबसमेंट नहीं की। दिल्ली सरकार भी निजी स्कूल संचालकों को 1700 रुपए प्रति महीना रिइंबसमेंट दे रही है और ऐसे में हरियाणा सरकार की तरफ तो स्कूल संचालकों की रिइंसबमेंट ओर भी ज्यादा बनती है। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि यदि सरकार दिल्ली की तर्ज पर ही रिइसंबमेंट देती है तो अब तक निजी स्कूलों का करीब 500 करोड़ रुपए बनता है । प्रदेश में बंद नहीं होना चाहिए एक भी स्कूल फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने मांग उठाई कि 2003 से पहले प्रदेशभर में चल रहे अस्थाई मान्यता व परमिशन प्राप्त स्कूलों को सरकार बिना शर्त मान्यता दे, ताकि बच्चों को शिक्षा हासिल करने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े । वही दूसरी तरफ कुलभूषण शर्मा गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों के पक्ष में उतर आए। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेशभर में गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने का एलान कर चुकी है, लेकिन सरकार का यह फैसला शिक्षा विरोधी है । उन्होंने कहा कि इन गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों को एक रुम एक क्लास के आधार पर स्कूल चलाने की परमिशन देते हुए मान्यता दे ।

No comments: